दिल्ली दंगों में भड़काऊ रिपोर्टिंग: 2 चैनलों पर 48 घंटे का बैन, एक है जमात-ए-इस्लामी द्वारा समर्थित

दो चैनलों पर 48 घंटे का बैन

दिल्ली दंगों के दौरान कई न्यूज चैनल और वेब पोर्टल ऐसे थे, जिन्होंने एकतरफा खबरें दिखाईं और भड़काऊ रिपोर्टिंग कीं। सरकार ने अब उन चैनलों पर लगाम कसना शुरू कर दिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पिछले महीने दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान सभी निजी सेटेलाइट टीवी चैनलों को परामर्श जारी कर उनसे हिंसा फैलाने या राष्ट्रविरोधी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने वाली सामग्री के प्रति सावधानी बतरने को कहा था, लेकिन दो चैनल नहीं माने और दंगों के दौरान पक्षपातपूर्ण और गैरजिम्मेदार रिपोर्टिंग की। जिसके बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इन दोनों चैनलों के प्रसारण पर 48 घंटों के लिए बैन लगा दिया है। ये दोनों ही चैनल केरल के हैं और इनके नाम हैं- एशियानेट न्यूज टीवी और मीडिया वन टीवी लाइव।

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मंत्रालय ने केबल टीवी नेटवर्क (विनियम) अधिनियम, 1995 के कार्यक्रम संहिता के उल्लंघन का हवाला देते हुए चैनल को दो अलग-अलग आदेश शुक्रवार को (मार्च 6, 2020) जारी किए। यह प्रतिबंध शुक्रवार की शाम 7.30 बजे से अगले 48 घंटे तक के लिए लगाया गया है। दोनों चैनलों को जारी आदेशों में उस रिपोर्टिंग का जिक्र किया गया है, जो नियमों के खिलाफ हैं और जब स्थिति काफी संवेदनशील थी। आदेश में कहा गया कि ऐसे में इस तरह की रिपोर्टिंग देश भर में साम्प्रदायिक द्वेष को भड़का सकती है।

दोनों प्रतिबंधित चैनलों पर आरोप है कि दिल्ली दंगों के दौरान रिपोर्टिंग में किसी विशेष समुदाय के पूजा स्थल पर हमले की खबर दिखाई गई है और उस पर एक समुदाय का पक्ष लिया गया। केंद्र सरकार ने अपने आदेश में कहा कि चैनलों ने दिल्ली हिंसा में पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की थी। उनकी रिपोर्टिंग सीएए के समर्थकों द्वारा की गई हिंसा पर आधारित थी। इन चैनलों ने आरएसएस और दिल्ली पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए थे। चैनल ने हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराते हुए आलोचना की थी।

आदेश में आगे कहा गया है कि एशियानेट ने अपनी रिपोर्ट में दिखाया कि दंगाइयों ने आने-जाने वाले लोगों को रोका और फिर उनके धर्म के आधार पर उन पर हमला किया। इसके साथ ही इसमें दिखाया गया कि हिंदू बहुल इलाके में मुस्लिमों के घरों को जलाया गया और दंगाइयों ने ‘जय श्री राम’ और आजादी के नारे साथ एक-दूसरे के ऊपर फायरिंग की। एशियानेट ने अपनी रिपोर्ट में यह भी दिखाया कि दुकानों, घरों और वाहनों को जलाए जाने के बाद भी केंद्र सरकार की तरफ से कार्रवाई नहीं की गई।

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मीडिया वन न्यूज के एडिटर इन चीफ सीएल थॉमस ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, “मीडिया वन न्यूज चैनल पर I&B मंत्रालय का प्रतिबंध दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। यह स्वतंत्र और निष्पक्ष रिपोर्टिंग पर एक जबरदस्त हमला है। मीडिया वन I&B मंत्रालय के इस अलोकतांत्रिक कार्रवाई के खिलाफ कानूनी रूप से लड़ाई लड़ेगी।” बता दें कि मीडिया वन न्यूज का स्वामित्व माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड के पास है, जो जमात-ए-इस्लामी द्वारा समर्थित है।

गौरतलब है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने परामर्श जारी कहते हुए कहा था, “यह दोहराया जाता है कि सभी टीवी चैनलों को सलाह है कि वे किसी भी ऐसी सामग्री को लेकर सावधानी बरतें, जिनसे हिंसा भड़क सकती है। जो कानून व्यवस्था के विरूद्ध हो या जो राष्ट्रविरोधी दृष्टिकोण को बढ़ावा देता हो। टीवी चैनलों को धर्म या समुदाय पर हमला करने वाली सामग्री से भी परहेज करने का परामर्श दिया जाता है। उल्लंघन करने पर उनके ऊपर कारवाई की जाएगी।” बता दें कि साल 2016 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने संवेदनशील विवरण साझा करने का आरोप लगाते हुए पठानकोट एयर बेस पर आतंकी हमले की रिपोर्टिंग के लिए NDTV इंडिया पर एक दिन का प्रतिबंध लगा दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया