अर्णब गोस्वामी ‘पत्रकार’ नहीं, जो ऐसा कह रहे… वो फैला रहे झूठ: ऑल्ट न्यूज के प्रतीक सिन्हा ने फैलाया प्रोपेगेंडा

प्रतीक सिन्हा और अर्नब गोस्वामी

अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद बड़े-बड़े राजनेता तक प्रेस पर हुए हमले की निंदा करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। वहीं इस मौके पर प्रोपेगेंडा वेबसाइट ऑल्ट न्यूज का संस्थापक और फर्जी न्यूज फैलाने के लिए कुख्तात प्रतीक सिन्हा अब भी जहर उगलने में व्यस्त है।

अर्णब की गिरफ्तारी पर प्रतीक सिन्हा ने लिखा, “जो दावा कर रहे हैं या सलाह दे रहे हैं कि अर्णब गोस्वामी एक पत्रकार है, वो सक्रियता से केवल झूठी जानकारी फैला रहे हैं।”

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इतना ही नहीं उसे इस बात से भी परेशानी है कि आखिर स्मृति ईरानी जैसे भाजपा नेता अर्णब पर हुई कार्रवाई पर क्यों बोल रहे हैं। उसने स्मृति इरानी के ट्वीट पर जवाब दिया है कि भाजपा ने हमेशा से प्रेस को दबाया। उसने पूछा है कि क्या भाजपा नेताओं ने पहले इसी तरह पत्रकारों पर हुए हमलों के लिए बोला था। उसका कहना है कि वो जानता है भाजपा नेता आने वाले समय में भी किसी और के लिए नहीं बोलेंगे?

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ऐसे में सोशल मीडिया यूजर्स ने प्रतीक सिन्हा को आड़े हाथों लेते हुए उसको करारा जवाब दिया है। लोगों ने पूछा है कि यदि अर्णब गोस्वामी पत्रकार भी नहीं है तो क्या एके-47 लेकर पुलिस उसके घर में घुसेगी, वो भी कुछ बिलों और पुराने केसों को लेकर।

एक यूजर ने पलटवार करते हुए कहा कि जो लोग दावा कर रहे हैं या बता रहे हैं कि प्रतीक सिन्हा एक फैक्ट चेकर है, वो सक्रियता से झूठी खबर फैला रहे हैं।

लोगों का यह भी कहना है कि अर्णब गोस्वामी ऐसे लोगों को ऐसे ही दोहरे रवैये के कारण एक्सपोज करता है। आज गिरफ्तार कॉन्ग्रेस सरकार ने अर्णब को करवाया है लेकिन हमला तब भी बीजेपी पर किया जा रहा है।

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यहाँ बता दें कि एक ओर जहाँ प्रतीक सिन्हा जैसे मीडिया गिरोह के लोग अर्णब की गिरफ्तारी पर उनके ख़िलाफ़ जहर उगल रहे हैं। वहीं कई भाजपा नेताओं और कंगना रनौत जैसे कलाकारों ने इस गिरफ्तारी की निंदा की है। इसे प्रेस पर खतरा बताया है। इस घटना को आपातकाल की याद कहा है।

अभी कुछ देर पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के संस्थापक अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी की निंदा की है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस और उसके गठबंधन साथियों ने एक बार फिर से लोकतंत्र को शर्मसार किया है।

उन्होंने कहा कि ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ और अर्णब गोस्वामी के खिलाफ सत्ता की शक्ति का दुरूपयोग करना व्यक्तिगत अधिकारों का हनन है। अमित शाह ने गोस्वामी पर कार्रवाई को लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला करार दिया।

इसी तरह स्मृति इरानी ने लिखा, “स्वतंत्र प्रेस में जो लोग आज अर्नब का समर्थन नहीं कर रहे हैं वह फासीवाद का समर्थन कर रहे हैं। आप उन्हें पसंद या न पसंद कर सकते हैं, आप उनकी मौजूदी को तुच्छ समझ सकते हैं लेकिन यदि आप आज चुप रहते हैं तो आप दमन का समर्थन करते हैं। अगर आप अगले होंगे तो कौन बोलेगा?”

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया