मुनव्वर फारूकी के लिए मीडिया गिरोह ने खेला विक्टिम कार्ड, जेल में बंद बाकी 4 के लिए क्यों मर गई संवदेनाएँ?

मुनव्वर फारूकी (फाइल फोटो)

मुनव्वर फारूकी को जमानत मिली। वो जेल से छूट कर आजाद घूम रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार उसके साथ गिरफ्तार हुए 4 लोग अब भी इंदौर जेल में हैं। इनमें दो भाई भी हैं – एक MBA का छात्र है तो दूसरा स्कूल का।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने पहले इस बात का खुलासा नहीं किया था कि आरोपितों में कोई नाबालिग भी है। लेकिन परिवार से बातचीत पर पता चला कि एक आरोपित नाबालिग था, जिसने एक हफ्ते जुवेनाइल जेल में सजा काटी।

रिपोर्ट के अनुसार, इस केस में 1 एमबीए छात्र समेत 4 लोग अब भी इंदौर जेल में बंद हैं। परिवार बताता है कि उनका बेटा सिर्फ़ स्टैंड अप कॉमिक आर्टिस्ट बनने के सपने को साकार करने के लिए उस दिन वहाँ गया था। लेकिन फारूकी के साथ उसे इसीलिए पकड़ा गया क्योंकि वह शो का हिस्सा था। छोटा भाई इसलिए हिरासत में लिया गया क्योंकि वह अपने भाई को परेशानी में देख कर उसी समय उसके पास भाग कर गया। नाबालिग को तो अब बेल मिल गई है। लेकिन उसका बड़ा भाई अब भी जेल में है। 

परिवार ने TOI को बताया कि उन्हें मालूम था कि दोनों भाई मुनरो कैफे में 1 जनवरी को शो के लिए गए हैं। लेकिन उन्हें ये जानकारी नहीं थी कि वहाँ पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया जाएगा। परिवार का कहना है कि उनके बेटे ने दो साल पहले कॉमेडी शुरू की थी और उसे अन्य आरोपित (फारूकी) के बारे में पता भी नहीं था। उसकी भेंट केवल वेन्यू पर ही हुई थी।

नाबालिग बच्चे को जब जमानत मिली तो परिवार ने घबरा कर उसे अपने रिश्तेदारों के घर भेज दिया। अब उन्हें इंतजार है कि उनका बड़ा बेटा भी जेल से छूट जाए। परिवार के अनुसार, उनके बेटे के साथ दुर्वव्यहार नहीं हो रहा। लेकिन फिर भी वह पीड़ित है। उनकी उम्मीद है कि फारूकी की जमानत के बाद उनके बेटे को भी जमानत मिले।

गौरतलब है कि मुनव्वर फारूकी पर पुलिस कार्रवाई 1 जनवरी 2021 को हुई थी। इसके बाद ट्विटर पर एक पूरा गिरोह केवल इस बात को समझाने में लग गया कि कैसे भाजपा प्रशासन और पुलिस एक सीधे-साधे स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी पर शिंकजा कस रही है। वो भी सिर्फ़ इसलिए क्योंकि उसने गृह मंत्री अमित शाह का मजाक उड़ाया, जबकि सच्चाई ये है कि उस पर कार्रवाई हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने को लेकर हुई थी।

इस गिरोह की हिपोक्रेसी का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि पूरी घटना को 1 माह से अधिक बीत चुका है, लेकिन एक भी बार इनकी संवेदनाएँ उन अन्य चार लोगों के लिए बाहर नहीं आईं। एक भी बार हिरासत में लिए गए बाकी लोगों का जिक्र तक नहीं किया इन लोगों ने।

पहले विक्टिम कार्ड दिखा-दिखा कर इनकी प्रायॉरिटी केवल और केवल फारूकी को छुड़ाने की रही, जिसमें इन्हें शनिवार रात कामयाबी भी मिली। और, अब जैसे ही फारूकी छूटा, तब इन्हें याद आया कि उसके साथ और लोग भी गिरफ्तार हुए थे।

आज टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में एक परिवार अपने बच्चों की बेगुनाही की बात कह रहा है। लेकिन सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि आखिर कैसे हिंदू देवी-देवताओं को गाली देने वालों को जस्टिफाई किया जा सकता है, वो भी सिर्फ़ संवेदनाए बटोरने के लिए। मगर, गिरोह की चुप्पी फिर भी इस मुद्दे पर बनी हुई है।

मालूम हो कि 5 फरवरी को हिंदू देवी-देवताओं पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में जेल में बंद स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट ने राहत प्रदान करते हुए अंतरिम जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट में मुनव्वर फारूकी ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसे अंतरिम जमानत पर रिहा करने से मना कर दिया गया था।