एग्जिट पोल के बाद से विपक्ष ने एक तरह से अपनी हार स्वीकार कर ली है और हार का ठीकरा फोड़ने के लिए व बीजेपी की संभावित जीत को, मतदाताओं के मत को, धता बता कर EVM का राग अलापना शुरू कर दिया है।
इसमें मीडिया गिरोह के कुछ पत्रकार भी ऐसे राजनीतिक पार्टियों के झूठ में सुर मिला रहे हैं। जबकि इन्हें ठीक से पता है कि इनका यह आरोप बोगस और झूठ के पुलिंदे के सिवा कुछ नहीं है।
खैर अब राजदीप जैसे कुछ उनके गिरोह के पत्रकार भी यह खुलकर स्वीकार करने लगे हैं कि इन नेताओं की अपील निराधार है। साथ ही, राजदीप ने आजतक के ही यूट्यूब चैनल दिल्ली तक को दिए एक शॉर्ट इंटरव्यू में कहा भी कि नेताओं को ऐसे झूठे आरोप लगाने से पहले सोचना चाहिए कि इस तरह से अपनी राजनीति के लिए ये जनता के मन में संदेह के बीज बो रहे हैं। जबकि पिछले चुनावों में जब मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इन पार्टियों के नेताओं ने जीत दर्ज की तो EVM ठीक थी। और अब जब जनता द्वारा नकारे जाने के आसार नज़र आ रहे हैं। तो वही EVM खराबी के राग फिर से छेड़ा जाने लगा।
जबकि चुनाव आयोग स्पष्ट कर चुका है कि जो EVM दिखाई दे रहे है वो रिज़र्व EVM है, जिनका मतगणना में इस्तेमाल नहीं हुआ है। ऐसा नहीं है कि यह सब नया है सबको पता है पर चूँकि EVM हैंकिंग वाला नैरेटिव काम नहीं किया तो नए नैरेटिव कि EVM बदला जा रहा है, को जान बूझकर हवा दे रहे हैं।
हालाँकि, राजदीप ने यह भी जोड़ा कि चुनाव आयोग को कम से कम 50 % तक VVPAT मिलान की अनुमति दे देनी चाहिए। ताकि जो संदेह पैदा किया जा रहा है वह ख़त्म हो सके। जबकि इस माँग को सुप्रीम कोर्ट भी ख़ारिज कर चुका है।
एक दूसरे वीडियो में राजदीप अपने बनारस के ग्राउंड रिपोर्टिंग के आधार पर बनारस के मोदी काल के परिवर्तन पर बात कर रहे हैं। उन्हें साफ कहते सुना जा सकता है बनारस में काफी परिवर्तन आया है, चौड़ी सड़कें, घाटों की साफ-सफाई से लेकर कई मुद्दों पर बात करते हुए उन्होंने बनारस से मोदी के वॉकओवर की घोषणा कर दी।
https://twitter.com/erbmjha/status/1131096132216483841?ref_src=twsrc%5Etfwराजदीप ने यहाँ तक कहा कि मोदी के यहाँ से चुनाव लड़ने की वजह से वाराणसी की सीट VVIP संसदीय सीट में बदल चुकी है। जिसका असर वहाँ पर हो रहे परिवर्तन के रूप में देखा जा सकता है।