धीरज साहू पर कॉन्ग्रेस को राजदीप सरदेसाई ने दी क्लीनचिट: कहा- उन्हें टिकट नहीं देना चाहती थी पार्टी, जिन्होंने दिलवाई वे मर गए या या BJP में हैं

राजदीप सरदेसाई बने धीरज साहू मामले में कॉन्ग्रेस के हिमायती (फोटो साभार: राजदीप सरदेसाई यूट्यूब चैनल और टाइम्स नाउ)

कॉन्ग्रेस और वामदलों के हिमायती पत्रकार राजदीप सरदेसाई सांसद धीरज साहू के घर से बरामद सैकड़ों करोड़ रुपए की नकदी के मामले में उनकी पार्टी के बचाव में उतर आए हैं। आयकर (आईटी) विभाग ने कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर रेड डालकर 353 करोड़ रुपए से अधिक की भारी नकदी बरामद की है।

नकदी बरामद होने के बाद कुछ दिनों बाद ही राजदीप सरदेसाई कॉन्ग्रेस की ढाल बनते दिख रहे हैं। दरअसल, शुक्रवार (16 दिसंबर 2023) को अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में सरदेसाई ने दावा किया कि घोटाले के इस दागी नेता के सांसद बनने की कोई उम्मीद नहीं थी।

उन्होंने एक काल्पनिक सोर्स का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस 2018 में साहू को राज्यसभा का टिकट नहीं देना चाहती थी। विवादास्पद पत्रकार सरदेसाई ने दावा किया कि कॉन्ग्रेस पार्टी उन नेताओं की पैरवी के बाद साहू को टिकट देने को तैयार हुई थी, जो अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

राजदीप सरदेसाई ने मर चुके एक कॉन्ग्रेस नेता का हवाला देते हुए अंदाजा लगाया कि शायद उन्होंने ने ही धीरज प्रसाद साहू को राज्यसभा भेजने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी पर दबाव डाला था। इस तरह सरदेसाई कॉन्ग्रेस आलाकमान को क्लीन चिट देने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।

वीडियो में वे कह रहे हैं, “झारखंड के एक वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता ने दावा किया है कि साहू को 2018 में टिकट नहीं दिया जाना था, लेकिन वह दिल्ली में साहू के लिए लॉबिंग करता रहा। कॉन्ग्रेस के रसूखदार लोगों की मदद से आखिरी वक्त में वह साहू को राज्यसभा का टिकट दिलाने में कामयाब रहा।”

सरदेसाई बेशर्मी से कहते हैं, “उनको (धीरज साहू) फायदा पहुँचाने वालों में एक ऐसा शख्स भी था, जो अब जिंदा नहीं है। उसने बहुत लंबे वक्त तक कॉन्ग्रेस की कमान संभाली थी। दिलचस्प बात यह है कि जिन अन्य लोगों ने भी उनकी मदद की थी, उनमें से कुछ अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं।”

धीरज प्रसाद साहू से जुड़ा विवाद

धीरज प्रसाद साहू झारखंड से कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। उनका परिवार आजादी के बाद से ही कॉन्ग्रेस पार्टी से जुड़ा हुआ है। वह 2009 के उपचुनाव में पहली बार राज्यसभा सांसद बने थे। इसके बाद साल 2010 में उन्हें दूसरी बार राज्यसभा सांसद के रूप में चुना गया था। उन्हें तीसरी बार कॉन्ग्रेस ने 2018 में राज्यसभा के लिए चुना।

धीरज साहू संसदीय कार्यवाही में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। इतना ही नहीं, वह राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा भी रहे थे। अब जबकि उनके यहाँ बेहिसाब नकदी बरामद हुई तो कॉन्ग्रेस खुद को धीरज साहू से अलग कर रही है। इसके लिए राजदीप सरदेसाई जैसे पत्रकार भरपूर माहौल बना रहे हैं।

दरअसल, ओडिशा में धीरज प्रसाद साहू की भागीदारी वाली बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड में हालिया छापेमारी में आयकर विभाग ने 353 रुपए करोड़ की नकदी बरामद की है। इससे भी दिलचस्प बात यह है कि आईटी छापे में अपने सांसद धीरज साहू के पास से करोड़ों रुपए की नकदी जब्त होने के बाद अब पार्टी ने क्राउडफंडिंग अभियान का ऐलान कर डाला है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया