मोदी पर कालिख पोत-पोत कर उससे अपना कैरियर चमकाने वाले राजदीप सरदेसाई ने एक बार फिर मोदी के खिलाफ मीठा जहर उगला है। उनके अनुसार मोदी को अपनी जीत के लिए अमित शाह जैसे मित्रों और राहुल गाँधी जैसे कमजोर विपक्ष के साथ-साथ जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और पुलवामा के षड्यंत्रकर्ता मौलाना मसूद अजहर का भी शुक्रगुज़ार हो उन्हें शुक्रिया करना चाहिए। राजदीप का यह बेतुका ज़हरीला सोच एक वीडियो के जरिए बाहर आया है।
ऊपरी तौर पर यह सामान्य सा व्यंग या हँसी-मजाक लग सकता है, लेकिन राजदीप सरदेसाई की बात को परिप्रेक्ष्य में समझा जाए तो मामला कुछ और ही हो जाता है। फर्जी लिबरल बन घूमने वाले पत्रकारिता के समुदाय विशेष के लोगों को यह तो बहुत दिनों से समझ में आ गया था कि ‘अमन की आशा’ का उनका पाकिस्तान-प्रेम वाला तमाशा जनता अब और नहीं झेलने वाली। तो उन्होंने दूसरा ही पैंतरा चलना शुरू कर दिया और भाजपा पर आतंकवाद के मुद्दे को, सेना के मुद्दे को ‘भुनाने’ का आरोप लगाने लगे। राजदीप का यह कथ्य भी उसी कथानक में है कि मोदी पुलवामा हमले और बालाकोट में दिए गए मुँहतोड़ जवाब के चलते ‘उभरे’ राष्ट्रवाद से जीत गए, वरना न जीतते।
राजदीप ने अपना 30 साल का कैरियर जिस तरह के प्रोपेगेंडा से बनाया है उसे देखते हुए यह बहुत आश्चर्यजनक नहीं है। एक तरफ वह खुद बार-बार मोदी को 2002 में नाहक लपेटते रहे और उसके बाद मनु जोसेफ के साथ साक्षात्कार में यह मानना पड़ा कि मोदी को दंगों के लिए दोषी ठहराना गलत था। इसके अलावा वह कॉन्ग्रेस नेता चिदंबरम के साथ भी अफस्पा के खिलाफ भ्रम पैदा करते पकड़े गए थे।