प्रोपेगेंडा पोर्टल ‘द वायर’ ने दिलबर नेगी की दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों में की गई क्रूरतापूर्ण हत्या को ‘जलने के कारण हुए घाव से हुई मौत’ बताया है। उसने मुस्लिम दंगाई भीड़ द्वारा किए गए इस जघन्य कुकृत्य को छिपाने के प्रयास किया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों में दिलबर नेगी की हत्या के आरोप में शाहनवाज़ को गिरफ़्तार किया है। दिलबर नेगी बृजपुरी में एक मिठाई की दुकान में काम करते थे। उनकी हत्या फ़रवरी 26, 2020 को कर दी गई थी।
अताताइयों ने उनके पूरे शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया गया था। इसके बाद शाहनवाज़ और उसके साथियों ने मिल कर नेगी को ज़िंदा आग में झोंक दिया था। उनकी हत्या जिस तरह से की गई, वैसे कसाई भी जानवरों को नहीं मारता। शाहनवाज़ और उसके साथियों ने पहले तो 20 साल के दिलबर नेगी के हाथ-पाँव काट डाले और फिर उसके बाद उनकी दुकान में आग लगा दी। फिर नेगी को उसी दुकान में लगी आग में ज़िंदा झोंक दिया गया, जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई।
शाहनवाज़ व उसके साथ आई मुस्लिम भीड़ को बचाने के लिए और इस हत्या की वीभत्सता को छिपाने के लिए ‘द वायर’ ने लिख दिया है कि दिलबर नेगी जलने के कारण हुए घावों से मरे। जबकि सच्चाई ये है कि उनकी हत्या की गई। उन्हें तड़पाया गया, प्रताड़ित किया गया और फिर ज़िंदा जला डाला गया। ‘द वायर’ के लिए ये सब एकदम सीधा है, सपाट है- “जलने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।” ऐसा थोड़े था कि वो ग़लती से किसी जलती हुई आग में गिर गए और घायल होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई?
https://twitter.com/attomeybharti/status/1236176942698598401?ref_src=twsrc%5Etfw‘द वायर’ क्रूर मुस्लिम दंगाइयों को बचाने के लिए पागल हो गया है। उसने दंगों में मारे गए मृतकों की एक सूची प्रकाशित की, जिसमें दिलबर नेगी के बारे में बताया गया है। बस एक लाइन में उनके बारे में लिख दिया गया है और इतिश्री कर ली गई है। न तो दंगाई मुस्लिम भीड़ का जिक्र है, न शाहनवाज़ का और न ही इसका जिक्र है कि उनकी हत्या के लिए कौन सा वीभत्स तरीका अपनाया गया। उलटा इन सभी चीजों को छिपाने और ढकने के लिए पूरा जोर लगाया गया।