टाइम्स ग्रुप के टैबलॉयड अहमदाबाद मिरर का कमाल! बिना बात किए ही छाप दिया गुजरात बीजेपी अध्यक्ष का 2 पन्नों का इंटरव्यू

गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल ने अहमदाबाद मिरर के इंटरव्यू को बताया फेक

टाइम्स ग्रुप अहमदाबाद मिरर नाम से एक टैबलॉयड प्रकाशित करता है। इस टैबलॉयड में शनिवार (3 अक्टूबर 2020) को गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल का ‘इंटरव्यू’ प्रकाशित हुआ। वह भी छोटा-मोटा नहीं। बकायदा दो पन्नों का इंटरव्यू। कदाचित यह ‘इंटरव्यू‘ अहमदाबाद मिरर की संपादक दीपल त्रिवेदी ने किया है। पर दिलचस्प यह है कि ऐसा कोई इंटरव्यू कभी किया ही नहीं गया।

पाटिल ने ट्विटर पर इस काल्पनिक इंटरव्यू को साझा किया है। बताया है कि कॉन्ग्रेस के प्रति सद्भावना रखने वाली संपादिका इसकी लेखक हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “कैसा समय आ गया है जिसमें समाचार पत्र काल्पनिक लेखकों को पैसे दे रहे हैं। मुझे अपना साक्षात्कार देख कर हैरानी हो रही है। मैंने ऐसी कोई बातचीत की ही नहीं।”

https://twitter.com/CRPaatil/status/1312662946326040577?ref_src=twsrc%5Etfw

इस ‘इंटरव्यू’ में पाटिल के हवाले से दावा किया गया है किया गया है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 182 में से 175 सीटें जीतेगी। यदि सभी 182 सीटें भी जीत ले तो हैरानी नहीं होनी चाहिए।

लेकिन, दीपल त्रिवेदी ने ट्वीट कर कहा है कि यह इंटरव्यू 1 सितंबर को सर्किट हाउस में हुआ था। हालाँकि इसे 3 अक्टूबर को प्रकाशित किया गया। उनका दावा है कि यह ‘इंटरव्यू’ गुजराती और अंग्रेजी दोनों में हुआ था।

साथ ही यह भी बताया है कि इस ‘इंटरव्यू’ के ठीक बाद पाटिल कोरोना वायरस संक्रमित हो गए थे। दिलचस्प यह है कि 3 अक्टूबर को प्रकाशित इंटरव्यू का एक सवाल पाटिल की प्रतिक्रिया को लेकर है जिसमें उन पर कोरोनों संक्रमण फैलाने का आरोप था। सोचने योग्य बात है कि जब इंटरव्यू पाटिल को कोरोना होने से पहले किया गया था तो वह सवाल कैसे पूछ लिया गया जो आरोप उन पर संक्रमण के बाद लगा था।

https://twitter.com/DeepalTrevedie/status/1312688561599119360?ref_src=twsrc%5Etfw

इसके अलावा त्रिवेदी ने ‘इंटरव्यू’ की पाँच सेकंड की एक क्लिप भी साझा की है। साथ ही कहा है कि अहमदाबाद मिरर पर फेक इंटरव्यू का आरोप लगाने के लिए पाटिल माँफी माँगे।

मिरर की संपादक के ट्वीट के बाद पाटिल ने ट्वीट कर कहा है कि जो क्लिप साझा की है वह एक महीने पहले की है और जब उन्होंने 2 अक्टूबर को एक साक्षात्कार के लिए उनसे संपर्क किया था, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से मना कर दिया था।

2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के वक्त त्रिवेदी ने पाटीदारों के बारे में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का फर्जी कोट शेयर किया था। दीपल त्रिवेदी द्वारा साझा किए गए इस फर्जी बयान से पाटीदार समुदाय आक्रोशित हो सकता था और हिंसा के हालात बन सकते थे। इस ट्वीट के लिए आलोचना होने पर त्रिवेदी ने दावा किया था कि उन्होंने यह बताने के लिए कि यह तस्वीर कितनी ‘खतरनाक’ है हार्दिक और अमित शाह को टैग कर दिया था। इसी तरह साल 2018 में वे भाजपा नेता तेजिंदर बग्गा की मौत की कामना करते पकड़ी गई थी। 

वैसे यह पहला मौका नहीं है जब फर्जी इंटरव्यू प्रकाशित करने का आरोप किसी पत्रकार पर लगा हो। गालीबाज ट्रोल पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी पर भी पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस का फेक इंटरव्यू करने के आरोप लग चुके हैं। मामला सामने आने के बाद यह इंटरव्यू रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था।    

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया