‘अपनी ही कब्र खोद ली’: टाइम्स ऑफ इंडिया ने टोक्यो ओलंपिक में भारतीय तीरंदाजी टीम की हार का उड़ाया मजाक

भारतीय तीरंदाजी टीम की हार पर टाइम्स ऑफ इंडिया का लेख (फोटो : टाइम्स ऑफ इंडिया)

टोक्यो ओलंपिक के तीरंदाजी (आर्चरी) के मिक्स्ड इवेंट में दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव की जोड़ी क्वार्टर फाइनल तक पहुँच कर हार गई। उनकी हार ने करोड़ों भारतीयों को निराश कर दिया लेकिन देश के अग्रणी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के स्थान पर उनका मजाक उड़ाया।

रविवार (25 जुलाई 2021) को टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक लेख प्रकाशित किया जिसका शीर्षक था, “Tokyo Olympics : India’s archers dig their own grave, again (टोक्यो ओलंपिक : भारतीय तीरंदाजों ने एक बार फिर अपनी ही कब्र खोद ली)”। लेख को आर्चिमन भादुड़ी ने लिखा है जिनके अनुसार किसी खेल में हारना अपनी कब्र खोदने के जैसा है। जहाँ एक ओर लेख का शीर्षक खिलाड़ियों का अपमान करने जैसा था वहीं लेख का रवैया खिलाड़ियों के प्रति मिला-जुला था।

टाइम्स ऑफ इंडिया के लेख का स्क्रीनशॉट

दक्षिण कोरिया के किम जे ड्योक और आन सन से हारने के बाद टाइम्स ऑफ इंडिया ने दावा किया कि भारतीय खिलाड़ी औसत से भी कम थे और उन्होंने विरोधियों को थाली में सजाकर जीत सौंप दी। लेख में कहा गया कि हालाँकि दोनों ही तरफ के खिलाड़ी कमजोर थे लेकिन तीरंदाजी का पावरहाउस माने जाने वाले दक्षिण कोरिया के खिलाड़ियों द्वारा 35 का स्कोर किया जाना यह बताता है कि भारत ने उन्हें जीत का तोहफा खुद ही दे दिया।

तीरंदाजी के कथित एक्सपर्ट आर्चिमन भादुड़ी ने लिखा कि दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव में कोई सामंजस्य नहीं था। लेख में बताया गया कि पहले खेल में भी दीपिका और प्रवीण सहज नहीं नजर आ रहे थे, भले ही उन्होंने 1-3 से पिछड़ने के बाद वापसी की और चीनी जोड़ी को हरा दिया। लेख में लिखा गया कि प्रवीण ने अपने गलत शॉट्स के कारण ओलंपिक में भारत के अभियान को समाप्त कर दिया।

आलोचना किसी भी खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा है और उसके बेहतर बेहतर प्रदर्शन के लिए जरूरी है लेकिन उस खिलाड़ी की उपलब्धियों को कमजोर बताना मात्र उसके विश्वास को ठेस ही पहुँचाता है। दीपिका और प्रवीण, दोनों ही एक साधारण से परिवेश से उठकर आज खेलों के सबसे बड़े इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। दीपिका खुद विश्व की नंबर 1 तीरंदाज हैं, ऐसे में टाइम्स ऑफ इंडिया के लेख का शीर्षक और गैर-तार्किक आलोचना सिर्फ दोनों खिलाड़ियों के प्रयासों को धूमिल ही करती है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया