बाबा सिद्दीकी के बेटे को टिकट मत दो, वह दागदार है: कॉन्ग्रेस के 12 नेताओं ने खोला मोर्चा

बाबा सिद्दीकी और उनके बेटे जीशान सिद्दीकी, दोनों ही ग्लैमरस पार्टियों के शौक़ीन हैं (साभार: India Today)

महाराष्ट्र में अब कॉन्ग्रेस के नेता ही अपनी पार्टी में चल रहे वंशवाद के ख़िलाफ़ मुखर हो रहे हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है और कॉन्ग्रेस-एनसीपी गठबंधन बना कर चुनाव लड़ रही है। दोनों ही दलों के कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं। एनसीपी की हालत तो यह है कि इसके संस्थापक सदस्यों में अब सिर्फ़ अकेले शरद पवार ही पार्टी में बचे रह गए हैं। वह एनसीपी के अध्यक्ष भी हैं। मुंबई में 12 कॉन्ग्रेस नेताओं ने पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी के बेटे को टिकट दिए जाने के ख़िलाफ़ प्रेस कॉन्फ्रेंस किया।

बता दें कि 1997 से 2014 तक लगातार 17 वर्षों तक विधायक रहे बाबा सिद्दीकी महारष्ट्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। अपनी इफ्तार पार्टी के लिए सुर्खियाँ बटोरने वाला बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी को मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार ने हरा दिया था। हर साल होने वाली उनकी इफ्तार पार्टी में बॉलीवुड की ख़ान त्रिमूर्ति से लेकर कई अभिनेता-अभिनेत्री शामिल होते हैं। उनके बेटे ज़ीशान सिद्दीकी को टिकट दिए जाने का विरोध करते हुए मुंबई कॉन्ग्रेस के कई नेताओं ने इसे वंशवाद करार दिया

हालाँकि, अभी तक कॉन्ग्रेस ने उम्मीदवारों की सूची नहीं ज़ाहिर की है लेकिन बांद्रा ईस्ट कॉन्ग्रेस के 12 नेताओं ने पार्टी आलाकमान से कहा है कि किसी बाहरी उम्मीदवार के बजाय स्थानीय नेता को टिकट दिया जाए। प्रेस कांफ्रेंस करने वालों में मुंबई कॉन्ग्रेस के जनरल सेक्रेटरी, सेक्रेटरी, मुंबई महिला कॉन्ग्रेस की उपाध्यक्ष सहित कई अधिकारी शामिल थे। कॉन्ग्रेस नेताओं ने कहा कि ख़राब समय से गुजर रही पार्टी अगर स्थानीय नेताओं को टिकट दिया तभी वे पार्टी को जीता पाएँगे। उन्होंने वंशवाद को बढ़ावा न देने की अपील की।

कॉन्ग्रेस नेताओं ने कहा कि अगर ज़ीशान सिद्दीकी को टिकट दिया गया तो वे सभी न सिर्फ़ कॉन्ग्रेस पदाधिकारी के पद से बल्कि पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे देंगे। कॉन्ग्रेस नेताओं का कहना है कि ज़ीशान का आपराधिक इतिहास भी है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रतिक्रिया देते हुए कॉन्ग्रेस के बड़े नेताओं ने कहा कि स्थानीय नेताओं को प्रेस के पास जाने की बजाय आलकमान से बात करनी चाहिए थी। हालाँकि, उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की कि बाबा सिद्दीकी के बेटे ज़ीशान को टिकट दिया जाएगा या नहीं।

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महाराष्ट्र में पहले से ही बुरी स्थिति में चल रही कॉन्ग्रेस के लिए यह अच्छी ख़बर नहीं है, क्योंकि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर तो विपक्षी दशकों से वंशवाद का आरोप लगाते रहे हैं लेकिन अब निचले स्तर पर कॉन्ग्रेस के ही नेता इसके ख़िलाफ़ मुखर हो रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया