दारू पीकर म्यांमार से भारतीय द्वीप लूटने आए 10 शिकारी, भूख-प्यास से 6 की मौत, 2 लापता: पुलिस के सामने सरेंडर कर 2 जिंदा बचे

इससे पहले भी अंडमान निकोबार में म्यांमार के शिकारी पकडे जाते रहे हैं (प्रतीकात्मक चित्र साभार: Nicobar Times & The Hindu)

म्यांमार से भारतीय द्वीप नार्कोंडम पर शिकार करने आए 10 म्यांमारी शिकारियों को लेने के देने पड़ गए। बताया जा रहा है कि भारतीय द्वीप पर पहुँचकर इनकी नाव खराब हो गई और फिर वहाँ बीमार पड़ने की वजह से इनमें से 6 की मौत हो गई जबकि 2 लापता हैं और 2 ने पुलिस के आगे हाथ-पाँव जोड़कर अपनी जान बचाई है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि यह लोग द्वीप पर दुर्लभ समुद्री जीव पकड़ने आए थे जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी डिमांड होती है। इसके अलावा म्यांमार से भारतीय द्वीप तक आने के बीच क्या-क्या हुआ, इस बारे में भी इन लोगों ने बताया है।

जानकारी के अनुसार, 2 फरवरी 2024 को म्यांमार के अयेयारवदी से शाम को 200 किलो चावल, 1000 लीटर डीजल के साथ 10 शिकारी एक छोटी नाव में निकले थे। इस नाव की कमान मयो ल्विन ओ के हाथ में थी। यह नाव लकड़ी की बनी थी। यह अपनी यात्रा 2 फरवरी से चालू करके 5 फरवरी को खुले समुद्र में आ गए थे। इसके बाद 7 फरवरी को यह म्यांमार के कब्जे वाले कोको द्वीप पहुँचे। यह सभी शिकारी कोको द्वीप में 11 फरवरी तक रुके रहे और इसके बाद वह नार्कोंडम द्वीप के लिए निकले जहाँ यह सभी 12 तारीख को पहुँचे।

पुलिस पूछताछ में पकड़े गए शिकारी ऑंग क्या मिन्ट ने खुलासा किया कि जब वह कोको द्वीप पर थे तब इन्हें कुछ शराब की बोतलें मिली जिन्हें इनमें से कुछ रास्ते भर पीते आए। शराब पीने वालों में इनका मुखिया म्यो ल्विन ओ भी था। इसके बाद यह सभी उलटी सीधी हरकतें करने लगे।

मिन्ट ने बताया शराब के नशे में होने के कारण इन्हें समुद्र का अंदाजा नहीं लगा और जब यह नार्कोंडम पहुँचे तो इनकी नाव एक पत्थर से टकरा गई जिससे इनका राशन खराब हो गया। फिर यहाँ से यह सभी उतर कर अंदर जंगल में जाने लगे। इसके बाद यह सभी अंदर शिकार के लिए तैयार हो गए लेकिन मिन्ट की तबियत बिगड़ने के कारण वह और उसका एक साथी रुक गए और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया। हालाँकि, इनके बाकी साथी फिर भी आगे शिकार के लिए चले गए।

इसके बाद समर्पण करने वालों को पुलिस अंडमान निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर के अस्पताल में लेकर गई और इलाज करवाया, इनसे जब पूछताछ की गई तो यह कहानी सामने आई। इन्होंने पुलिस के सामने खुलासा किया कि अंदर इनके और भी साथी अभी जंगल में हैं। इसके लिए जब पुलिस और कोस्ट गार्ड की एक टीम भेजी गई तो यहाँ 6 शिकारियों की लाशें मिली। 2 शिकारी अभी भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है। इन 6 शिकारियों की मौत का कारण भूख-प्यास माना जा रहा है। इनका राशन पहले ही खराब हो गया था।

गौरतलब है कि जिस नार्कोंडम द्वीप पर यह शिकारी मृत पाए गए हैं वह म्यांमार के कोको द्वीप से मात्र 126 किलोमीटर दूर है। यह भारत के अंडमान निकोबार द्वीपसमूह का हिस्सा है। कोको द्वीप भी पहले भारत के कब्जे में हुआ करता था जिसे नेहरु ने म्यांमार को दे दिया था। नार्कोंडम द्वीप निर्जन है और यहाँ कोई नहीं रहता। हालाँकि, यह समुद्री संपदा से लदा हुआ है जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाने और अन्य कामों के लिए तस्करी होती है। इस कारण से यहाँ म्यांमार से शिकारी आते रहते हैं, कभी वह सुरक्षाबलों की नजर में आ जाते हैं तो कभी बच जाते हैं।

पुलिस ने बताया है कि यह सभी शिकारी अवैध रूप से भारत आए थे, इनके पास कोई भी जरुरी दस्तावेज नहीं थे। इनका मालिक म्यांमार में है जिसने इनकी नाव और बाकी सारा इंतजाम करके दिया था। यहाँ यह समुद्री जीव सी कुकुम्बर और टर्बो स्नेल जैसे जीवों को पकड़ने आए हुए थे, इनकी दक्षिण पूर्वी एशिया में बड़ी माँग है। हालाँकि, यह प्रजातियाँ अभी खतरे में हैं। इस मामले में विदेश मंत्रालय को सूचित कर दिया गया है और इन लाशों का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया