ईरान, पाक और अफगान से आने वाले कार्गो से अडानी ग्रुप के बंदरगाहों ने बनाई दूरी, 3000Kg हेरोइन बरामद होने के बाद समूह का बड़ा फैसला

अडानी ग्रुप ईरान, पाक और अफगान से आने वाले कार्गो को अब नहीं करेगा ऑपरेट

अडानी ग्रुप ने सोमवार (11 अक्टूबर 2021) को बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की है कि अब से वह अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) पोर्ट पर पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान से आने वाले कार्गो को नहीं सँभालेगा। अडानी ग्रुप ने मुंद्रा पोर्ट पर दो कंटेनरों से लगभग 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त किए जाने के लगभग एक महीने बाद यह फैसला लिया है। यह फैसला 15 नवंबर से प्रभावी हो जाएगा।

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APSEZ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुब्रत त्रिपाठी द्वारा हस्ताक्षरित एडवाइजरी में कहा गया है, ”आपको सूचित किया जाता है कि 15 नवंबर, 2021 से APSEZ ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले EXIM कंटेनर कार्गो को नहीं सँभालेगा। ये सलाह अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) की तरफ से ऑपरेट किए जा रहे सभी टर्मिनल्स और थर्ड पार्टी पर लागू होगी।”

दरअसल, APSEZ 16 सितंबर 2021 को ड्रग्स जब्त किए जाने के बाद से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार आलोचनाओं का सामना कर रहा है। इसके बाद कंपनी को 21 सितंबर 2021 को एक बयान जारी करना पड़ा था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि APSEZ एक पोर्ट ऑपरेटर है, जो शिपिंग लाइंस को सेवाएँ प्रदान करता है। कंपनी ने आगे कहा कि मुंद्रा पर कंटेनरों या अडानी पोर्ट्स द्वारा प्रबंधित किसी भी पोर्ट पर पुलिसिंग अधिकार उसके पास नहीं है।

उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के शासन के बाद से इस बात को लेकर अधिक चिंता व्यक्त की जा रही है कि इस्लामिक कट्टरपंथी भारतीय और अन्य बाजारों में ड्रग्स की आपूर्ति बढ़ाएँगे। यह सर्वविदित है कि तालिबान की कमाई का प्रमुख स्रोत अफीम है।

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने 16 सितंबर को मुंद्रा बंदरगाह पर करीब 3,000 किलोग्राम मूल्य की हेरोइन जब्त की थी। तभी से अडानी ग्रुप सोशल मीडिया यूजर के निशाने पर आ गया था। जाँच के दौरान पता चला कि ईरान के अब्बास बंदरगाह के रास्ते अफगानिस्तान से आया माल आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्थित आशी ट्रेडिंग फर्म के नाम से था।

बता दें कि डीआरआई को इस खेप के बारे में एक गुप्त सूचना मिली थी। जाँच एजेंसियों ने पाया कि विजयवाड़ा स्थित फर्म द्वारा इस खेप को ‘टैल्कम पाउडर’ बताया गया था। मीडिया के सूत्रों के अनुसार, इसे निर्यात करने वाली फर्म की पहचान अफगानिस्तान के कंधार में स्थित हसन हुसैन लिमिटेड के रूप में की गई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया