छत्तीसगढ़: नक्सली हमले में 22 जवान बलिदान-21 अब भी लापता, असम में प्रचार कर रहे कॉन्ग्रेसी CM बघेल

बीजापुर नक्सली हमले में अब तक 22 जवानों के बलिदान होने की पुष्टि

छत्तीसगढ़ के बस्तर डिवीजन के बीजापुर जिले में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में बलिदान हुए जवानों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। 21 जवान अब भी लापता हैं। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार नक्सलियों ने शनिवार को घेर कर 700 जवानों पर हमला किया था। रिपोर्ट में स्थानीय लोगों के हवाले से बलिदानी जवानों की संख्या 30 बताई गई है। साथ ही कहा गया है कि घटनास्थल से एक वीडियो आया है जिसमें 20 जवानों के शव मौके पर ही दिखाई पड़ रहे हैं।

इतने बड़े नक्सली हमले के बावजूद छत्तीसगढ़ के कॉन्ग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल असम में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। रविवार (4 अप्रैल 2021) की सुबह गुवाहाटी से उनका एक हैरान करने वाला बयान सामने आया। इसमें उन्होंने कहा कि उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत हुई है। सीआरपीएफ के डीजी को छत्तीसगढ़ भेजा गया है। साथ ही उन्होंने रविवार शाम तक खुद के छत्तीसगढ़ लौटने की बात कही।

बघेल ने यह भी बताया कि घायल हुए ​जिन 7 जवानों को रायपुर लाया गया है वे खतरे से बाहर हैं। 21 लापता जवान की तलाश में सर्च ऑपरेशन चल रहा है।

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बीजापुर के एसपी कमललोचन ने बताया है कि लापता जवानों की तलाश में गहन अभियान चल रहा है। एनकाउंटर के दौरान गंभीर रूप से घायल 7 जवानों को रायपुर इलाज कि लिए रेफर किया गया है, जबकि 24 जवानों का बीजापुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।

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CRPF के डीजी ने एनकाउंटर में 12-15 नक्सलियों को मार गिराए जाने की बात कही है। 20 नक्सलियों के घायल होने की भी खबर है। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराजन के मुताबिक कोबरा बटालियन के एक कमांडो का भी शव बरामद किया गया है। मौके पर मौजूद अपने रिपोर्टर के हवाले से एएनआई ने 14 शव बरामद किए जाने की बात कही है।

एंटी नक्सल ऑपरेशन के उप महानिरीक्षक ओपी पाल ने जानकारी दी है कि इस अभियान में तर्रेम, उसूर, पामेड़ और सुकमा जिले के मिनपा और नरसापुरम से लगभग 2000 जवान शामिल थे। जानकारी के मुताबिक एनकाउंटर साइट पर करीब 250 नक्सलियों के होने का अनुमान था। सुरक्षा बलों की इस संयुक्त टीम में सीआरपीएफ की कमांडो बटालियन, जिला रिजर्व गार्ड और स्पेशल टास्क फोर्स के जवान थे।

10 दिन में नक्सलियों का दूसरा बड़ा हमला

बीते 10 दिन में नक्सलियों ने जवानों पर यह दूसरा बड़ा हमला किया है। इससे पहले 23 मार्च को नारायणपुर में नक्सलियों ने पुलिस जवानों की बस को आईडी ब्लास्ट से उड़ा दिया था। इस हमले में भी 5 जवान बलिदान हो गए थे, जबकि 14 अन्य जख्मी हुए थे। बस में 24 जवान सवार थे।

एक रिपोर्ट के मुताबिक इतना बड़ा हमला तब हुआ जब 20 दिन पहले से ही नक्सलियों के मूवमेंट की खबर थी। 17 मार्च को नक्सलियों ने बयान जारी कर छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत का भी प्रस्ताव दिया था। इसके लिए तीन शर्तें रखी थी, जिनमें सशस्त्र बलों को हटाने, नक्सली संगठनों से प्रतिबंध हटाने और अपने नेताओं की रिहाई शामिल थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया