बोधगया में पकड़ी गई चीन की ‘महिला जासूस’: भिक्षु बनकर जुटा रही थी दलाई लामा की जानकारी, मास्क पहन सबके बीच घूम रही थी

दलाई लामा और संदिग्ध चीनी जासूस (साभार: HT)

बिहार के बोधगया गए बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा की जासूसी करने वाली चीनी महिला को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। हिरासत में लेकर पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। कहा जा रहा है कि चीनी महिला का नाम मिस सॉन्ग शियाओलॉन है और उसकी उम्र लगभग 50 साल है। यह महिला बौद्ध भिक्षु की वेश में थी और मास्क पहनकर सबके बीच घूम रही थी।

मामला सामने आने के बाद आखिरकार बिहार पुलिस ने उस महिला को हिरासत में ले लिया है। गया सिटी पुलिस के SP अशोक प्रसाद खुद उससे पूछताछ कर रहे हैं। उसे बोधगया के कालचक्र ग्राउंड के बाहर से हिरासत में लिया। यह वही जगह है जहाँ पर दलाई लामा रोज प्रवचन देने आते हैं।

यह महिला 2 सालों से बोधगया समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रही थी। पिछले कुछ समय पहले यह अचानक गायब हो गई थी। यह भी जा रहा है कि चीनी महिला के रहने को लेकर फॉरेन सेक्शन में भी कोई रिकॉर्ड नहीं है। बिहार पुलिस को इनपुट मिले कि महिला गया में रह रही है। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने उसका एक स्केच जारी किया था।

एक मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि यह महिला 2019 में भारत आई थी। हालाँकि, उसके बाद वह चीन लौट गई थी। इसके बाद वह दोबारा भारत आई और यहाँ से वह नेपाल चली गई। नेपाल में कुछ दिन बिताने के बाद बोधगया आकर रहने लगी थी।

सुरक्षा एजेंसियाँ इस महिला को चीनी जासूस मान रही है। कहा जा रहा है कि उसने दलाई लामा को धमकी दी थी। इसके बाद बोधगया में दलाई लामा की सुरक्षा को लेकर हाईअलर्ट जारी कर दिया गया था। कालचक्र पूजा को लेकर दलाई लामा प्रवास पर 22 दिसंबर को बोधगया पहुँचे हैं। उनके लिए सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। कालचक्र मैदान के बाहर 100 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

कहा जा रहा है कि चीन की यह महिला चीन की कम्युनिस्ट सरकार के इशारे पर दलाई लामा की जासूसी कर रही थी। वह भारत में वीसा की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी ठहरी हुई थी। पुलिस का कहना है कि इसके पीछा का कारण वह पता कर रही है। वहीं, महिला की गिरफ्तारी के बारे में चीनी दूतावास को सूचित कर दिया गया है।

चीन द्वारा तिब्बत कर कब्जा करने और तिब्बतियों के क्रूरतापूर्वक नरसंहार करने के बाद दलाई लामा अप्रैल 1959 में भागकर भारत भाग गए थे। हालाँकि, चीन उन पर लगातार नजर रखता है और भारत के साथ संबंधों के खराब में होने में धर्मगुरु को देश में शरण देना भी एक कारण है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया