रोज सुरंग से भारत में घुसते हैं 10 रोहिंग्या मुस्लिम, भाषा-हुलिया बदलने की ट्रेनिंग दे 14 राज्यों में बसाए जा रहे: रिपोर्ट में बताया- त्रिपुरा से चल रहा गिरोह

रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत के विभिन्न हिस्सों में बसाया जा रहा है - यहाँ की भाषा की ट्रेनिंग देकर, हुलिया बदल कर (फोटो साभार: Reuters)

भारत घुसपैठियों की समस्या से जूझ रहा है, खासकर के बांग्लादेश-म्यांमार से आने वाले रोहिंग्या घुसपैठियों ने देश की नाक में दम कर रखा है। उन्हें हटाने के लिए जब भारत सरकार NRC जैसा कानून लेकर आती है तो विपक्षी दल इन इस्लामी घुसपैठियों के समर्थन में उठ खड़े होते हैं। एक अनुमान है कि भारत में 40,000 से अधिक रोहिंग्या घुसपैठिए बैठे हुए हैं। वहीं एक और अनुमान है कि प्रति महीने 200 से भी अधिक रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठियों को भारत में घुसाया जा रहा है।

देश के एक दर्जन से भी अधिक राज्यों में इन रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठियों को बसाया जा रहा है। एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह भी इसमें लगा हुआ है। NIA की टीम ने हाल ही में इसके मास्टरमाइंड जलील मियाँ को गिरफ्तार किया है। अधिकतर रोहिंग्या म्यांमार के रखाइन प्रान्त से आते हैं। 1982 में ही वहाँ इन्हें नागरिकता से वंचित कर दिया गया था, 2015 के बाद इनमें से 9 लाख बांग्लादेश-भारत समेत कई देशों में भाग चुके हैं। 1 लाख का इनामी जलील मियाँ गिरोह के मुखिया जिबोन रूद्र पाल उर्फ़ सुमन का साथी है।

वो पहले ही NIA की शिकंजे में आ चुका था। वहीं इनके अन्य साथी जज मियाँ और शंतो अब तक फरार हैं। NIA इस गिरोह के 29 लोगों को गिरफ्तार कर चुका है। नवंबर 2023 में भी जलील मियाँ को गिरफ्तार करने की कोशिश की गई थी, लेकिन तब वह फरार हो गया था। रोहिंग्या मुस्लिमों को 10-20 लाख रुपए (14-28 लाख बांग्लादेशी टका) के पैकेज के तहत भारत में फर्जी दस्तावेज देकर बसाया जा रहा है। केंद्र सरकार इन्हें अवैध अप्रवासी बता चुकी है, साथ ही इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा तक घोषित कर चुकी है।

हालाँकि, UN इन्हें शरणार्थी बताता है। रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत में बसाने के लिए हिंदी-असमी जैसी भाषाओं का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। बोलने के लहजे के कारण वो पकड़े न जाएँ, इसीलिए ऐसा किया जाता है। ये गिरोह प्रतिदिन 5-10 रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत में घुसाता था। पहचान छिपाने के लिए घुसपैठियों का हुलिया तक बदल दिया जाता है। दिल्ली में ऐसे कई शिविर हैं, जहाँ रोहिंग्या रह रहे हैं। सिर्फ 2 वर्ष में भारत में रोहिंग्या मुस्लिमों की जनसंख्या दोगुनी हो गई है।

केंद्र सरकार कह चुकी है कि देश में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए किसी कैम्प की व्यवस्था नहीं है। मुस्लिम बहुल जम्मू कश्मीर में इनकी संख्या 10,000 बताई जाती है। कई अपराधों में भी ये रोहिंग्या शामिल रहे हैं। शाहन बाग़ और जफराबाद में CAA के खिलाफ हुए आंदोलन में इन्होंने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया था। भारत पहले से ही दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भी है, ऊपर से आतंकवादी लगातार हमले की फिराक में रहते हैं। ऐसे में रोहिंग्या देश के लिए खतरे से कम नहीं।

बांग्लादेश से त्रिपुरा 856 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। करीब 16 महीने में अकेले त्रिपुरा से 1018 घुसपैठिए पकड़े गए हैं। 2023 में त्रिपुरा से पकड़े गए 337 बांग्लादेशियों में 93 औरतें और 24 बच्चे थे। साल 2023 में BSF ने 744 घुसपैठिए पकड़े थे। 2022 में 369 घुसपैठिए धराए थे। इसी तरह 2021 में 208 घुसपैठिए दबोचे गए थे, जिनमें 93 बांग्लादेशी थे। सुदूर दक्षिण में स्थित चेन्नई तक इन घुसपैठियों को बसाया जा रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया