Sunday, March 23, 2025
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रोफिकुल इस्लाम जैसे दलाल कराते हैं भारत में घुसपैठ, फिर भारतीय रेल में सवार हो फैल जाते हैं बांग्लादेशी-रोहिंग्या: 16 महीने में अकेले त्रिपुरा से BSF ने 1000+ घुसपैठिए पकड़े

बीएसएफ के अनुसार साल 2023 में उसने 744 घुसपैठिए पकड़े थे। इनमें 112 रोहिंग्या और 337 बांग्लादेशी थे। 2022 में बीएसएफ ने 369 घुसपैठिए पकड़े थे। इनमें 150 बांग्लादेशी और 57 रोहिंग्या थे। इसी तरह 2021 में 208 घुसपैठिए पकड़े गए थे, जिनमें 93 बांग्लादेशी थे।

त्रिपुरा में फिर से 4 बांग्लादेशी पकड़े गए हैं। नाम हैं- जहाँगीर आलम, एमएन हुसैन, ओमरान हुसैन और रियाद हुसैन। इनको घुसपैठ कराने वाला भारतीय दलाल रोफिकुल इस्लाम भी पकड़ा गया है।

हड़बड़ी में अगरतला रेलवे स्टेशन में प्रवेश कर रहे इन चारों बांग्लादेशियों पर सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की एक टीम को संदेह न हुआ होता तो ये चेन्नई या उसके आसपास के इलाकों में उसी तरह बस जाते, जैसे देश के अन्य हिस्सों में ये बसे हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 17 मई 2024 की रात चारों बांग्लादेशी चेन्नई जाने के लिए अगरतला-सिकंदराबाद एक्सप्रेस में सवार होने वाले थे। हिरासत में लिए जाने के बाद इन्होंने शुरुआत में खुद को भारतीय बताकर अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश भी की। हालाँकि सख्ती से पूछताछ के बाद यह बात सामने आई कि रोफिकुल इस्लाम की मदद से इनलोगों ने बिना किसी वैध दस्तावेज के भारत की सीमा में प्रवेश किया है।

रिपोर्ट में पुलिस अधिकारी तापस दास के हवाले से कहा गया है, “हमने उन्हें संदेह के आधार पर अगरतला रेलवे स्टेशन से हिरासत में लिया। शुरू में उन्होंने भारतीय होने का दावा किया, लेकिन पूछताछ के दौरान हमें पता चला कि उनमें से चार बांग्लादेशी थे।”

हाल के समय में त्रिपुरा से घुसपैठियों के पकड़े जाने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले 11 मई 2024 को भी आठ बांग्लादेशी और उनकी मदद करने वाले एक भारतीय दलाल को अगरतला रेलवे स्टेशन से ही पकड़ा गया था। ये लोग महाराष्ट्र की ट्रेन में सवार होने वाले थे। उससे पहले 5 मई 2024 को 11 बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े गए थे, जिनमें 4 बच्चे थे। ये सभी लोग भारत में सफलतापूर्वक घुसपैठ करने के बाद बेंगलुरु चले गए थे। लेकिन वहाँ से लौटते वक्त त्रिपुरा के धलाई जिले के सीमावर्ती गाँव मचकुमिर से पकड़े गए।

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश से त्रिपुरा 856 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। इस सीमा से घुसपैठ धड़ल्ले से बढ़ रहा है जिसकी पुष्टि सीमा सुरक्षा बल (BSF) के आँकड़े भी करते हैं। बीएसएफ ने जनवरी 2023 से 15 अप्रैल 2024 तक यानी करीब 16 महीने में अकेले त्रिपुरा से 1018 घुसपैठिए पकड़े हैं। इनमें 498 बांग्लादेशी हैं। पकड़े गए बांग्लादेशियों में औरतों और बच्चों की भी अच्छी-खासी तादाद है।

2023 में त्रिपुरा से पकड़े गए 337 बांग्लादेशियों में 93 औरतें और 24 बच्चे थे। वहीं इस साल 15 अप्रैल तक पकड़े गए 161 बांग्लादेशियों में 43 औरतें और 19 बच्चे हैं। बांग्लादेश के रास्ते त्रिपुरा में घुसपैठ करने वाले अकेले बांग्लादेशी ही नहीं हैं। इसी समय अंतराल में बीएसएफ 124 रोहिंग्या को भी गिरफ्तार कर चुकी है।

बीएसएफ के अनुसार साल 2023 में उसने 744 घुसपैठिए पकड़े थे। इनमें 112 रोहिंग्या और 337 बांग्लादेशी थे। घुसपैठियों के पकड़े जाने की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। 2022 में बीएसएफ ने 369 घुसपैठिए पकड़े थे। इनमें 150 बांग्लादेशी और 57 रोहिंग्या थे। इसी तरह 2021 में 208 घुसपैठिए पकड़े गए थे, जिनमें 93 बांग्लादेशी थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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