93 एनकाउंटर में 172 आतंकी ढेर, 42 पाकिस्तान से: 2022 के आखिरी दिन कश्मीर पुलिस की रिपोर्ट, बताया- डबल डिजिट में सिमटे दहशतगर्द

जम्मू-कश्मीर में दहाई अंको में बचे आतंकी (सांकेतिक तस्वीर, साभार ज़ी मीडिया)

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए सुरक्षाबलों का अभियान जारी है। सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे अभियानों का ही असर है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की संख्या में कमी आई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से जानकारी दी गई है कि साल 2022 में 42 विदेशी (पाकिस्तानी) आतंकियों समेत कुल 172 दहशतगर्द ढेर कर दिए गए। जानकारी दी गई है कि इस साल सिर्फ 100 भटके नौजवान आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं जो कि पिछले साल के मुकाबले 37 प्रतिशत कम है।

जम्मू-कश्मीर में इस साल 93 कामयाब मुठभेड़ हुए हैं। सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए अभियानों में 172 आतंकवादी मारे गए। मारे गए दहशतगर्दों में 42 आतंकी पाकिस्तानी थे। मारे जाने वाले आतंकियों में सबसे ज्यादा 108 आतंकी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़े थे। आपको बता दें TRF ग्रुप LeT से ही जुड़ा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के 35, हिजबुल मुजाहिदीन (HM) के 22, अल-बद्र (Al-Badr) के 4 और अंसार गजवा तुल हिंद (AGuH) के 3 आतंकी वर्ष 2022 में जहन्नुम पहुँचा दिए गए हैं।

सुरक्षा बलों ने इस साल कई आतंकी ठिकानों का भी पर्दाफाश किया है जिनसे भारी मात्रा में हथियार व गोला बारूद बरामद किए गए हैं। दी गई जानकारी के मुताबिक अलग-अलग मुठभेड़ की घटनाओं और अन्य आतंकी ठिकानों से कुल 360 तरह के हथियार व गोला बारूद बरामद किए गए हैं। जिनमें 121 एके सीरीज की राइफल, 8 M4 कार्बाइन और 231 पिस्टल शामिल हैं। इसके अलावा समय रहते कई IED,स्टिकी बम और ग्रेनेड बरामद कर कई बड़े हमलों को टाल दिया गया।

सुरक्षाबलों के सफल आतंक विरोधी अभियानों का ही फल है कि आतंकियों के भर्ती होने की संख्या में कमी आई है। साल 2022 में आतंकी संगठनों में भर्ती होने वाले भटके नौजवानों की संख्या 100 रही। पिछले साल की तुलना में आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले स्थानीय लोगों की संख्या में 37 प्रतिशत की कमी आई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक इस साल आतंकी संगठन में शामिल हुए 65 मिलिटेंट्स मारे जा चुके हैं जबकि 17 गिरफ्तार हो चुके हैं और 18 अब भी सक्रिय हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 6 सालो में साल 2018 में सबसे ज्यादा लोग आतंकी संगठनों में भर्ती हुए थे। उस साल कुल 206 लोगों ने आतंकी संगठनों का दामन थामा था। उसके बाद से हर साल इस संख्या में गिरावट आई है। वर्ष 2019 में ये आँकड़ा 160 के नीचे था, हालाँकि 2020 में फिर थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई लेकिन फिर अगले दो साल संख्या 150 से कम रही। वर्ष 2022 में आँकड़ा 100 पहुँच चुका है यानि पिछले 6 सालों में सबसे कम स्थानीय आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के एडीजीपी विजय कुमार ने जानकारी दी है कि आतंकवादियों की संख्या अब दहाई अंको (Double digit) में सिमट चुकी है। हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख फारूक नल्ली और लश्कर कमांडर रियाज सेत्री को छोड़कर सभी आतंकी संगठनों के प्रमुख और शीर्ष कमांडरों को मार गिराया गया है। एडीजीपी ने कहा है फारूक और रियाज को भी जल्द ही ढेर कर दिया जाएगा।

इसके अलावा इस साल आतंकियों की मदद करने वाले 130 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया। हालाँकि संख्या में कम बचे आतंकियों की बौखलाहट भी समय-समय पर टारगेट किलिंग के रूप में सामने आती रही है। फिर भी जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से दिए जा रहे आँकड़े यही बताते हैं कि वह दिन दूर नहीं जब कश्मीर में आतंकवाद जड़ से खत्म हो जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया