भारत के नए सेना प्रमुख ने संभाला कार्यभार, चीन सीमा पर काम करने का लंबा अनुभव: जानिए कौन हैं इंजीनियर मनोज पांडे

जनरल मनोज पांडे ने संभाला कार्यभार (फोटो साभार: ANI)

भारतीय सेना के अनुभवी और पराक्रमी अधिकारी जनरल मनोज पांडे (Manoj Pande) ने रविवार (30 अप्रैल 2022) को सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की जगह ली है। जनरल मनोज पांडे 29वें सेना प्रमुख और कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी हैं, जिन्हें यह अवसर मिला है। आइए जानते हैं जनरल पांडे का सेना प्रमुख के पद तक पहुँचने का सफरनामा।

लेफ्टिंनेंट जनरल मनोज पांडे को चीनी सीमा पर काम करने का अच्छा खासा अनुभव है। वह इंडियन आर्मी की ईस्टर्न कमांड में कमांडर और ब्रिगेडियर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा वह लद्दाख एरिया के माउंटेन डिवीजन में इंजीनियर ब्रिगेड के ब्रिगेडियर भी रह चुके हैं। उन्होंने उत्तर-पूर्व में कई ऑपरेशन को अंजाम दिया था। परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित मनोज पांडे अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भी इंडियन आर्मी के कमांडर रह चुके हैं।

कौन हैं भारत के नए आर्मी चीफ बनने वाले मनोज पांडे

महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले मनोज पांडे शुरुआती स्कूलिंग के बाद 1982 में एनडीए में सेलेक्ट हुए थे। ट्रेनिंग के बाद उन्होंने इंडियन मिलिट्री एकेडमी ज्वाइन की और ऑफिसर के तौर पर कमीशन लिया। इसके बाद दिसंबर 1982 में सेना की इंजीनियरिंग कॉर्प्स बॉम्बे सैपर्स में उन्हें कमीशन मिला। वो ब्रिटेन के कैमबर्ले कॉलेज का भी हिस्सा रहे। वहाँ से लोटने के बाद नॉर्थईस्ट में उन्हें ब्रिगेडियर बनाया गया। मनोज पांडे इथियोपिया और इरीट्रिया में यूएन के मिशन चीफ भी रहे। 3 मई 1987 को पांडे ने सरकारी डेंटल कॉलेज की गोल्ड मेडलिस्ट अर्चना सल्पेकर के साथ सात फेरे लिए।

इसके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के साथ पल्लनवाला सेक्टर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान एक इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली। 2001 में संसद पर हुए हमले के बाद सेना ने ऑपरेशन पराक्रम चलाया था। इसके तहत पाकिस्तान से आतंकियों को होने वाले हथियारों की सप्लाई के नेक्सस को ध्वस्त कर दिया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया