8 साल से कोमा में थे लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह नट, निधन: रिटायर होने के बाद भी मोर्चे पर आए, कुपवाड़ा एनकाउंटर में हो गए थे घायल

अपनी बेटियों के साथ लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह नट (चित्र साभार: @OSINTJK)

‘सेना मेडल’ से सम्मानित लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह नट का निधन हो गया है। वह वर्ष 2015 में जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में इस्लामी आतंकियों से हुई एक मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए थे और कोमा में चले गए थे। उनका निधन 23 दिसम्बर, 2023 को जालंधर स्थित सेना के अस्पताल में हो गया।

लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह वर्ष 1998 में सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के जरिए शामिल हुए थे। उन्हें 14 वर्षों की सेवा के बाद 2012 में सेना से सेवानिवृत्ति मिली थी। हालाँकि, अपने देश सेवा के जोश के कारण वह सेना की सेवा से सेवानिवृत्ति होने के बाद टेरिटोरियल आर्मी में बतौर अफसर शामिल हो गए थे।

लेफ्टिनेंट कर्नल सिंह नवम्बर 2015 में कुपवाड़ा के हाजी नाका इलाके में हुई मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हुए थे। उन पर एक झोपड़ी में छुपे हुए आतंकियों ने फायरिंग कर दी थी। लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह उस समय टेरिटोरियल आर्मी की 160 बटालियन (यह जम्मू कश्मीर राइफल्स का हिस्सा है) में बतौर सेकंड इन कमांड पर सेवा दे रहे थे।

इसी ऑपरेशन में एक टीम का नेतृत्व करते हुए करणबीर सिंह को उनके जबड़े पर गोली लगी थी। उन्हें इसके बाद सेना अस्पताल श्रीनगर और फिर दिल्ली में इलाज के लिए ले जाया गया था। जहाँ उनका ऑपरेशन भी किया गया था। उनकी जान तो बचा ली गई थी लेकिन वह कोमा में चले गए थे। आठ वर्षों से करणबीर सिंह नट बोलने-बात करने में अक्षम थे, उन्हें पाइप के जरिए जूस पिलाया जाता था और खाना-पानी दिया जाता था।

लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह के परिवार में दो बेटियाँ और पत्नी हैं। उनका परिवार पंजाब के बटाला जिले का रहने वाला है। लेफ्टिनेंट कर्नल रणबीर सिंह की मृत्यु की खबर की पुष्टि ब्रिगेडियर BA ढिल्लो ने की है। ढिल्लो पंजाब में ‘सैनिक कल्याण बोर्ड’ के मुखिया हैं। जिस ऑपरेशन में करणबीर सिंह की मृत्यु हुई थी वह नवम्बर में कई दिन चला था और सेना को इसमें काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इसमें कर्नल संतोष महादिक की भी गोली लगने के कारण मौत हो गई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया