2016 से पहले नहीं हुआ था कोई भी सर्जिकल स्ट्राइक: RTI से ख़ुलासा, कॉन्ग्रेस का दावा फर्जी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेना के जवानों के साथ

एक आरटीआई के माध्यम से ख़ुलासा हुआ है कि 2016 से पहले सेना ने किसी भी प्रकार के सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम नहीं दिया था। जम्मू के एक व्यक्ति द्वारा दायर की गई आरटीआई के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसे 2016 से पहले किसी भी प्रकार के सर्जिकल स्ट्राइक के होने की जानकारी नहीं है। बता दें कि 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय सेना ने पाक अधिकृत क्षेत्रों में घुसकर आतंकियों का काम तमाम किया था। इसके बाद देश और दुनिया में भारतीय सेना के पराक्रम और मोदी सरकार की इच्छाशक्ति की प्रशंसा हुई थी। अभी हाल ही में कॉन्ग्रेस के राजीव शुक्ला ने दावा किया था कि यूपीए सरकार के दौरान भी ऐसे सर्जिकल स्ट्राइक्स हुए थे। शुक्ला ने कहा था:

“यूपीए सरकार के कार्यकाल में 6 बार सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी। पहली सर्जिकल स्ट्राइक 19 जून 2008 को जम्मू-कश्मीर के पूँछ में स्थित भट्टल सेक्टर में हुई थी। दूसरी नीलम नदी घाटी में 30 अगस्त से 1 सितंबर 2011 के बीच हुई। तीसरी सावन पात्रा चेकपोस्ट पर 6 जनवरी 2013 को हुई। चौथी 27-28 जुलाई 2013 को नाजापीर सेक्टर में हुई। पाँचवीं नीलम घाटी में 6 अगस्त 2013 को और छठवीं 14 जनवरी 2014 को हुई।”

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शुक्ला ने दावा किया था कि यूपीए के शासनकाल में 6 बार और उससे पहले वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान 2 बार सर्जिकल स्ट्राइक किया गया था। जबकि, आरटीआई से ख़ुलासा हुआ है कि उरी हमले के बाद 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक ही पहली सर्जिकल स्ट्राइक थी। जम्मू के रोहित चौधरी द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में सेना के डीजीएमओ के माध्यम से रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारियाँ दी। अभी हाल ही में पुलवामा हमले के बाद भी भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी कैम्पों को तबाह कर डाला था व कई आतंकियों को भी मार गिराया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक़्सर सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र कर सेना की पीठ थपथपाते रहते हैं और पूर्ववर्ती कॉन्ग्रेस सरकार को ऐसी इच्छाशक्ति न दिखा पाने के लिए उनकी आलोचना भी करते हैं। जवाब में कॉन्ग्रेस का कहना है कि मोदी चुनावी फायदे के लिए सेना का इस्तेमाल कर रहे हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और कॉन्ग्रेस नेता संजय निरुपम सहित कई नेताओं ने सबूत की भी माँग की थी। जनरल वीके सिंह ने ट्विटर पर आलोचकों को जवाब देते हुए कहा कि उन्हें काउंटर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक के बीच का अंतर नहीं पता।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया