लम्बे समय से फरार चल रहे खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को आखिरकार 23 अप्रैल 2023 (रविवार) को पंजाब के मोगा से गिरफ्तार कर लिया गया है। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद पूरे घटनाक्रम के बारे में पंजाब पुलिस के IGP सुखचैन सिंह गिल ने विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा कि अमृतपाल की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने धार्मिक भावनाओं का पूरा ध्यान रखने हुए कानून के दायरे में कार्रवाई की है। पुलिस अधिकारी ने अमृतपाल को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजे जाने की भी जानकारी दी है।
मीडिया से बात करते हुए IGP सुखचैन सिंह ने बताया कि पुलिस की तमाम टीमें पिछले 45 दिनों से अमृतपाल की तलाश में थीं। अमृतपाल के खिलाफ NSA के तहत वॉरंट जारी था जिसे उसकी गिरफ्तारी के बाद लागू कर दिया गया है। IGP के मुताबिक पंजाब के लोगों ने अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद सामाजिक और सामप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखा है जिसकी आगे भी अपेक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस मामले में आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी।
सुखचैन सिंह ने लोगों से सोशल मीडिया या कहीं पर भी किसी भी प्रकार की भ्रामक खबर पर ध्यान न देने की अपील करते हुए कहा कि अफवाह उड़ाने वालों के खिलाफ पंजाब पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। IGP के अनुसार सुबह लगभग 6:45 पर अमृतपाल सिंह को गाँव रोड़े से गिरफ्तार किया गया था। इस अभियान को पंजाब की अमृतसर पुलिस और ख़ुफ़िया विभाग ने सामूहिक तौर पर अंजाम दिया। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने गाँव को चारों तरफ से घेर लिया तो अमृतपाल की लोकेशन गाँव में बने एक गुरुद्वारे के अंदर मिली।
सरेंडर करने की खबरों के सवाल पर IGP ने कहा कि अमृतपाल को गिरफ्तार किया गया है। सुखचैन सिंह ने आगे बताया कि पुलिस ने गुरूद्वारे को ले कर लोगों की धार्मिक भावनाओं का पूरा ध्यान रखा। पुलिस की टीमें गुरुद्वारे के अंदर नहीं घुसीं लेकिन अपने घेरे को मजबूत रखा। आखिरकार अमृतपाल सिंह को नियमानुसार बिना किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत किए गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है। अंत में IGP ने पंजाब के लोगों को शाँति और सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया।