45 मिनट गुरुद्वारे में रहा खालिस्तानी भगोड़ा अमृतपाल सिंह: ग्रंथी ने बताया- कपड़े माँगे, फोन लेकर बाहर बात की और फिर भाग गया

गुरुद्वारे में भगोड़े अमृतपाल सिंह ने बदला था लुक (फाइल फोटो)

‘वारिस पंजाब दे’ का सरगना और खालिस्तान समर्थक भगोड़ा अमृतपाल सिंह 18 मार्च 2023 को एक गुरुद्वारे में करीब 45 मिनट तक रुका हुआ था। पंजाब पुलिस से भागते हुए वह अपने चार साथियों के साथ जालंधर जिले के नांगल अम्बियां स्थित इस गुरुद्वारे में पहुँचा था। गुरुद्वारे के ग्रंथी के मुताबिक अमृतपाल ने उनसे कपड़े माँगे और अपना भेष बदला। उनका फोन लेकर बाहर किसी से बात की और फिर सभी गुरुद्वारे से चले गए।

इंडियन एक्सप्रेस को गुरुद्वारे के ग्रंथी रणजीत सिंह ने बताया है कि अमृतपाल दोपहर के करीब 1 बजे अपने कुछ साथियों के साथ ब्रीजा गाड़ी से गुरुद्वारे आया था। करीब 1ः45 पर वे लोग निकल गए। हालाँकि ग्रंथी को उस समय यह नहीं पता था कि ये लोग पुलिस से भाग रहे हैं। उन्होंने बताया है कि अमृतपाल और उनके साथियों को देखकर पहले तो उनको आशंका हुई कि ये लोग गुरुद्वारे में तोड़फोड़ न करें, क्योंकि इससे पहले जालंधर में वह हंगामा कर चुका था। लेकिन जब उसके एक साथी ने कहा कि उन्हें एक ‘कार्यक्रम’ में भाग लेने के लिए कपड़ों की जरूरत है तब उन्हें चैन मिली।

ग्रंथी के अनुसार उन्होंने अपने बेटे के कपड़े उसे दिए थे। इसके बाद उसने एक लंबी पतलून माँगी थी। फोन पर उसके आदमी बाहर किसी से ‘माहौल’ के बारे में बात कर रहे थे, लेकिन तब उन्हें शक नहीं हुआ था। उन्होंने यह भी बताया है कि अमृतपाल ने उनसे उनका मोबाइल फोन ले लिया था। जाते वक्त जब उन्होंने अपना फोन माँगा तो उसने कहा कि किसी से बात करनी है। थोड़ी देर में वापस कर देगा। कुछ समय बाद ग्रंथी को उनका फोन लौटा दिया गया। ग्रंथी के अनुसार उन्हें बाद में न्यूज के माध्यम से पूरे घटनाक्रम की जानकारी मिली।

ग्रंथी की पत्नी नरिंदर कौर ने द ट्रिब्यून को बताया है कि गुरुद्वारे से अमृतपाल और उसके साथियों ने अपनी नीली और केसरिया पगड़ी उतार दी और उनके बेटे की सामान्य पगड़ी पहन ली। उल्लेखनीय है कि जिस गुरुद्वारे में अमृतपाल सिंह अपने साथियों के साथ करीब 45 मिनट रहा वह बुलंदपुरी गुरुद्वारे से करीब 10 किमी दूर रही है। इस गुरुद्वारे पर उसके भागने के बाद भारी पुलिस बल की तैनाती थी।

पंजाब पुलिस ने 21 मार्च को भगोड़े अमृतपाल सिंह की कई तस्वीरें जारी करते हुए उसके हुलिया बदलने की आशंका जताई थी। आईजी सुखचैन सिंह गिल ने बताया था कि भागने में उसकी मदद करने के आरोप में मनप्रीत, गुरदीप, हरप्रीत और गुरपेज को गिरफ्तार किया गया है। गुरुद्वारे में अमृतपाल के साथ इन्हीं लोगों के होने की बात कही जा रही है। अमृतपाल सिंह ने भागने के दौरान कई गाड़ी भी बदली थी। मर्सिडीज से उतरकर वह ब्रेजा में सवार हुआ और आखिर में उसके बाइक से भागने की बात कही जा रही। उसके भागने के कुछ सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हुए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब पुलिस ने हाईकोर्ट में अमृतपाल की फरारी की घटना को सिलसिलेवार ढंग से बताया है। पुलिस कमिश्नर जालंधर द्वारा दायर इस हलफ़नामे में बताया गया है कि 18 मार्च को एक पुलिस नाके पर मर्सिडीज में सवार अमृतपाल को जब पुलिस ने रोका तब उसने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी। इस दौरान अमृतपाल ने बैरिकेड भी तोड़ दिए। घटना के बाद तमाम पुलिस स्टेशनों को अलर्ट कर दिया गया। भाग रहा अमृतपाल लोगों को डराने के लिए हाथ में राइफल लहरा रहा था।

पुलिस ने आगे बताया कि सलमा गाँव तक पहुँचने के बाद अमृतपाल ने एक सरकारी स्कूल के पास अपनी गाड़ी बदली। यहाँ से वह ब्रेजा वाहन में सवार हुआ और शाहकोट की तरफ बढ़ गया। कुछ आगे जा कर वह प्लेटिना बाइक पर बैठ गया और उसके साथी बुलेट से फरार हुए। एक टोल नाके पर अमृतपाल और उसके काफिले की फरारी के विजुअल भी वायरल हो रहे हैं।

गौरतलब है कि 21 मार्च को हाई कोर्ट ने भगोड़े अमृतपाल सिंह को पकड़ नहीं पाने को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा था, “उसे पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया। इसके बावजूद वह भागने में कामयाब रहा। पंजाब सरकार का खुफिया तंत्र पूरी तरह से फेल रहा।” साथ ही पूछा कि राज्य के 80 हजार पुलिस वाले क्या कर रहे थे?

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया