‘ये मेरा आखिरी अभियान होगा’: चीन बॉर्डर का शॉर्ट रूट खोज रहे थे रिटायर BSF अधिकारी, पहाड़ों पर ही हुई मौत

अभियान के दौरान रिटायर अफसर एससी नेगी की मौत

रिटायरमेंट के बाद अमूमन लोग अपना बाकी जीवन परिवार के साथ गुजर-बसर करने के सपने देखते हैं। लेकिन सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक अधिकारी ने रिटायर होने के 10 साल बाद राष्ट्र सेवा में अपनी जान गँवा दी। इस अधिकारी का नाम है- एससी नेगी।

हिमाचल प्रदेश से चीन सीमा तक पहुँचने का छोटा या शॉर्टकट रास्ता खोजते हुए बीएसएफ के सेवानिवृत्त अधिकारी नेगी की बुधवार (30 सितंबर 2020) को मौत हो गई। 70 वर्ष की उम्र में वह चीन सीमा तक पहुँचने का सबसे छोटा मार्ग खोज रही टीम का नेतृत्व कर रहे थे, लेकिन अभियान के दौरान ही उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।

साल 2010 में रिटायर हो चुके एससी नेगी इस अभियान में स्वेच्छा से गए थे। उनके परिवार ने उनकी उम्र के कारण उन्हें अभियान पर जाने से मना किया था। लेकिन, परिवार को आश्वास्त करते हुए उन्होंने कहा था, “यह मेरा अंतिम अभियान होगा”। किसे पता था कि सेवानिवृत्त अधिकारी के कहे शब्द इस तरह से सिद्ध होंगे। उन्होंने दुर्गम पहाड़ियों में सर्वेक्षण टीम का नेतृत्व किया और रास्ते में ही अपनी आखिरी साँस ली।

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बीएसएफ ने एक बयान में कहा है, “उन्होंने हिमाचल की पहाड़ियों में आखिरी साँस ली, रिटायर होने के बावजूद वे स्वेच्छा से सुरक्षा बलों की एक टीम के साथ चीन के लिए नजदीकी रास्ते की तलाश कर रहे थे।”

सीमा सुरक्षा बल ने कहा कि उनकी उम्र को देखते हुए उनके परिवार ने उन्हें सलाह दी थी कि वे इस अभियान पर न जाएँ, लेकिन नेगी ने कहा कि ये उनका आखिरी दौरा होगा। इसके साथ ही वे इस ट्रिप पर निकल पड़े। ये नियति की इच्छा ही थी कि उनके कहे मुताबिक उनका ये आखिरी अभियान बन गया।

आईटीबीपी ने कहा कि उसकी पेट्रोलिंग पार्टी ने किन्नौर जिले के नेसंग गाँव के नजदीक एससी नेगी को रेस्क्यू किया। ये इलाका एलएसी के नजदीक पड़ता है। ITBP की पेट्रोलिंग टीम ने नेगी को बेहोशी की हालत में पाया, उनके शरीर पर कई फ्रैक्चर थे। जब आईटीबीपी के जवान उन्हें इलाज के लिए ले जा रहे थे तो इसी दौरान उनकी मौत हो गई।

आईटीबीपी के मुताबिक, एससी नेगी का पार्थिव शरीर 18600 फीट की ऊँचाई पर ITBP के पोस्ट पर रखा हुआ था। पार्थिव शरीर को भेजने के लिए हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल हुआ। बीएसएफ ने बताया कि 1977 बैच के अफसर नेगी माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ाई करने वाले सबसे बुजुर्ग पुलिस अधिकारी माने जाते हैं। उन्होंने 2006 में 56 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट पर विजय हासिल की थी। इसके अलावा वे बीएसएफ की केंद्रीय पर्वतारोही टीम के सीनियर सदस्य भी थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया