कई रडार बादलों के पार नहीं देख पाते: बालाकोट एयर स्ट्राइक पर खुल कर बोले जनरल रावत

सेना प्रमुख विपिन रावत ने एयर स्ट्राइक से जुड़े सवालों के जवाब दिए

सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने बालाकोट एयर स्ट्राइक से जुड़े कई सवालों के जवाब दिए। साथ ही जनरल रावत ने मोदी के रडार वाले बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान एक टीवी न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, “मैं विज्ञान की उतनी समझ नहीं रखता हूँ। लेकिन मेरी जो थोड़ी-मोड़ी समझ है, उस हिसाब से, एयर स्ट्राइक के पहले मैंने कहा कि अगर बादल हैं और बारिश हो रही है तो हमें इसका लाभ लेना चाहिए। मैंने कहा कि अगर बादल हैं तो हमारे विमान पाकिस्तानी रडार से बच सकते हैं।” जनरल रावत ने इससे जुड़े सवालों के भी जवाब दिए।

जनरल रावत ने जानकारी देते हुए कहा कि कई तरह के रडार होते हैं, जो अलग-अलग तकनीक से कार्य करते हैं। जनरल रावत ने बताया कि कुछ रडार ऐसे होते हैं जिनके पास बादलों के पार देखने की क्षमता होती है, जबकि कुछ ऐसे भी रडार होते हैं जो बादलों के पार नहीं देख पाते। जनरल रावत ने कहा कि कभी ऐसा होता है और कभी ऐसा नहीं होता क्योंकि विभिन्न रडार विभिन्न प्रकार की तकनीकों पर आधारित होते हैं। बता दें कि पीएम मोदी के रडार वाले बयान के बाद सोशल मीडिया पर बड़ी बहस छिड़ गई थी और लोगों ने मीम बनाना शुरू कर दिया था।

जनरल रावत ने आतंकवाद पर बात करते हुए कहा,

“देश आजादी के बाद से ही आतंकवाद का सामना कर रहा है और सुरक्षा बल एवं उनका समर्थन कर रही सभी एजेंसियाँ इस चुनौती का डटकर मुकाबला कर रही हैं। हम यह सुनिश्चित करने में सफल रहे हैं कि आतंकवाद पर काबू पाया जाए। निश्चित तौर पर, कश्मीर घाटी में हम आतंकवाद में उतार-चढ़ाव देखते रहे हैं। इसका एक कारण यह है कि उन्हें हमारे पश्चिमी पड़ोसी (पाकिस्तान) से समर्थन मिलता है। वहीं, कई लोग आतंकवादियों की ओर से चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान के कारण भी भटक जाते हैं. लेकिन हमने हालात को काबू में किया है।”

जनरल रावत ने कहा कि सेना लगातार यह प्रयास कर रही है कि आतंकियों तक पहुँचने वाले वित्तीय संसाधनों पर रोक लगाया जाए और इस कार्य में एनआईए से लेकर प्रवर्तन निदेशालय तक भी जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक इसीलिए की गई क्योंकि सीमा पार भारत के ख़िलाफ़ कदम उठाने वाले आतंकी बचे ही नहीं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया