कश्मीरियत के नाम पर 370 का रोना रोने वालों को आइना दिखाता Video, आम जनजीवन बेअसर

पटरी पर श्रीनगर (साभार: ANI)

आम कश्मीरी नागरिकों का हवाला देकर संसद में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल का विरोध करने वाले नेताओं की दलीलें आपने सुनी होगी। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रियाओं को भी सुना होगा जो उन्होंने 370 के प्रावधानों को निरस्त करने पर कश्मीरी जनता की आड़ लेकर कही थी। लेकिन, श्रीनगर के इस ताजा वीडियो को देखकर साफ है कि कश्मीर के आम लोगों की जिंदगी 370 के निष्प्रभावी होने से बेअसर है।

समाचार एजेंसी ANI ने करीब 38 सेकंड का यह वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में श्रीनगर की सड़कों पर सामान्य आवाजाही दिख रही है। ठेले-खोमचे वाले भी अपनी आजीविका कमाने में लगे हैं।

https://twitter.com/ANI/status/1158980565565157376?ref_src=twsrc%5Etfw

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक फैसला लेने से पहले केन्द्र ने घाटी में एहतियातन सुरक्षा कड़ी कर दी थी। अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई थी। धारा 144 लागू कर इंटरनेट कनेक्शन पर पाबंदी लगा दी गई थी।

आशंका जताई जा रही थी कि 370 के बहाने अलगाववादी और राज्य के नेता लोगों को भड़काने का काम कर सकते हैं। बिल पेश किए जाने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को नजरबंद कर दिया गया था। फिलहाल घाटी पूरी तरह शांत है। हालॉंकि अभी सुरक्षा बलों की तैनाती में कटौती के कोई संकेत नहीं हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया