सिर्फ़ 1 मंत्री के साथ 2 महीनों से सरकार चला रहे KCR, मीडिया चुप

तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर राव ने गठबंधन को समर्थन देने पर रखी शर्त

आपको यह सुन कर आश्चर्य हो सकता है लेकिन यही सच है। तेलंगाना सरकार की कैबिनेट में सिर्फ़ दो मंत्री हैं- एक तो स्वयं मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और दूसरे मोहम्मद अली। मोहम्मद अली राज्य के गृह मंत्री के तौर पर कार्य कर रहे हैं। बता दें कि 119 सीटों वाले तेलंगाना विधानसभा में बहुमत के लिए 60 सीटों पर जीत चाहिए होती है लेकिन केसीआर की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति ने 88 सीटों पर जीत का परचम लहरा कर एकतरफा जीत दर्ज की थी।

विपक्ष ने दो सदस्यीय कैबिनेट के साथ सरकार चला रहे केसीआर पर निशाना साधा है। भाजपा ने कहा की यह भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक नया रिकॉर्ड है जब सरकार गठन के 2 महीने बाद तक मंत्रिमंडल में सिर्फ़ 2 ही मंत्री हों। पार्टी ने इसे शर्म का विषय बताते हुए राज्यपाल का दरवाज़ा खटखटाने की बात भी कही। तेलंगाना भाजपा प्रवक्ता कृष्णा सागर राव ने मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा:

“कोई कैबिनेट नहीं है, अधिकारी सरकार चला रहे हैं। यह एक या दो दिनों की .. चार दिनों की देरी नहीं है, केसीआर (मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव) के पदभार ग्रहण करने के बाद से यह दूसरा महीना चल रहा है।”

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वहीं आम आदमी पार्टी ने भी तेलंगाना राष्ट्र समिति व मुख्यमंत्री केसीआर पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कैबिनेट विस्तार न कर के जनता के ‘गवर्नेंस के अधिकार’ को छीन लिया है। बता दें कि ऐसे क़यास लगाए जा रहे थे कि पोंगल के बाद राज्य में कैबिनेट विस्तार किया जाएगा लेकिन त्यौहार बीत जाने के बाद भी ऐसे कोई आसार नज़र नहीं आ रहे। मीडिया में प्रकाशित ख़बरों के अनुसार केसीआर सारे अहम विभाग अपने पास ही रखना चाहते हैं और यही कैबिनेट विस्तार में देरी का कारण भी है।

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तेलंगाना मंत्रिमंडल में अधिकतम 18 मंत्री हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि तमाम समीक्षा बैठकें मुख्यमंत्री के आवास पर ही होती है जहाँ से फ़ाइलों को आगे बढ़ाया जाता है। इस बैठक में अधिकारीगण शामिल होते हैं। कॉन्ग्रेस पार्टी ने भी मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए पूछा कि दो सदस्यीय मंत्रिमंडल के साथ जनता तक कल्याणकारी योजनाएँ कैसे पहुँचाई जा सकती है? तेलंगाना प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष गुडुर नारायण रेड्डी ने कहा:

“लगभग 17,000 फाइलें उनके (केसीआर के) डेस्क पर पड़ी हुई हैं? वह राज्य के चार करोड़ लोगों के साथ न्याय कैसे कर सकते हैं? जनता निश्चित रूप से तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों के मौन को समझ रही है, जो इतने चुप हैं। तेलंगाना अब भारत का एक राज्य नहीं है। यह मुख्यमंत्री राव का साम्राज्य बन गया है।”

सोशल मीडिया पर लोगों ने मीडिया पर इस ख़बर को नज़रअंदाज़ करने के आरोप लगाए। लोगों ने कहा कि सिर्फ़ एक अतिरिक्त मंत्री के साथ तेलंगाना की सरकार चला रहे केसीआर तीसरे मोर्चे के गठन में व्यस्त हैं। ज्ञात हो कि हाल ही में केसीआर ने ममता बनर्जी और नवीन पटनायक से मुलाक़ात कर तीसरे मोर्चे की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया था। ख़बरें थीं कि अपने मैराथन दौरे के लिए उन्होंने एक स्पेशल हेलिकॉप्टर को एक महीने के लिए किराए पर ले रखा है। कॉन्ग्रेस ने उन पर ‘अलगाव की राजनीति’ करने का आरोप लगाया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया