‘2000 मस्जिद, बाबरी के लिए ₹1000 करोड़, मुस्लिमों को 30% रिजर्वेशन’: वायरल दावा- अखिलेश का वादा, सपा नेता का इनकार

अखिलेश यादव के चुनावी वादों का क्या है सच?

सोशल मीडिया व्हाट्सएप पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 चुनावों में सत्ता में आती है तो वह प्रदेश के पश्चिम और पूर्वांचल क्षेत्र में 2000 नई मस्जिदों का निर्माण करेंगे। वायरल मैसेज के अनुसार, 2000 मस्जिदों के अलावा, सपा प्रमुख ने दलितों और पिछड़े वर्गों के आरक्षण को समाप्त करके मुसलमानों के लिए 30% आरक्षण का वादा किया है।

मैसेज में आगे लिखा गया है कि अगर समाजवादी पार्टी सत्ता में आती है, तो अयोध्या का नाम बदल दिया जाएगा और अयोध्या में बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए 1000 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी।

व्हाट्सएप पर वायरल वीडियो

अखिलेश यादव ने यह भी कहा था कि उनकी सरकार उत्तर प्रदेश के गैरकानूनी धार्मिक धर्मांतरण निषेध अध्यादेश, 2020 (लव जिहाद कानून) को निरस्त कर देगी। अखिलेश यादव ने कथित तौर पर वायरल हुए व्हाट्सएप संदेश में घोषणा की, “यह मुस्लिमों से मेरा वादा है।” 

व्हाट्सएप को फॉरवर्ड करते हुए, ट्विटर यूजर मदन नायक ने @mgnayak5 हैंडल से लिखा, “यह व्हाट्सएप मैसेज समाजवादी पार्टी के आईटी सेल द्वारा यूपी मे मुसलमानों के व्हाट्सऐप पर भेजा जा रहा है, इस मैसेज को 100 करोड़ हिंदुओं के पास खासकर यूपी के एक-एक हिंदुओं के पास भेजें।”

दैनिक भास्कर के संवाददाता आदित्य तिवारी ने वायरल संदेश के पीछे की सच्चाई जानने के लिए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज काका से बात की। काका ने मैसेज को बिल्कुल फेक करार दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग यह दावा करते हुए भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं कि अगर सपा सरकार बनेगी, तो राम मंदिर का निर्माण रुक जाएगा, वह झूठ और अफवाहें फैला रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में मतदाताओं को रिझाने के लिए अखिलेश के कदम

हालाँकि, व्हाट्सएप फॉरवर्ड में किए गए दावों की पुष्टि करने के लिए कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं है। कई मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि अखिलेश यादव ने आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्ता में आने पर AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल से प्रेरणा लेते हुए घरों में 300 यूनिट मुफ्त बिजली और सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया है। यादव ने सत्ता में आने पर राज्य में युवाओं और छात्रों के बीच लैपटॉप बाँटने का वादा कर युवाओं का वोट भी लुभाने की कोशिश की है।

उल्लेखनीय है कि AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने गोवा और पंजाब राज्यों में मुफ्त बिजली की गारंटी देने के लिए इसी तरह के चुनावी वादे किए थे, वहाँ इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। अखिलेश यादव पर प्रतिक्रिया देते हुए, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जब बिजली ही नहीं देते थे तो मुफ्त कहाँ से होता। सीएम ने कहा कि उन्होंने तो उलटा लोगों से वसूली की है, कम से कम इसके लिए तो जनता से माफी माँग लें।

समाजवादी पार्टी की मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति

समाजवादी पार्टी हमेशा से मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति के लिए जानी जाती रही है। दरअसल, हाल ही में AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक चुनावी रैली के दौरान समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए अखिलेश यादव को याद दिलाया था कि कैसे यूपी में मुस्लिम वोटों के सहारे सपा सत्ता में आई थी।

अखिलेश यादव ने भी समाजवादी विजय रथ यात्रा के दौरान एक पार्टी रैली में बोलते हुए मुहम्मद अली जिन्ना की प्रशंसा की थी। सम्मेलन अक्टूबर में उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में आयोजित किया गया था, जहाँ समाजवादी पार्टी के प्रमुख को पाकिस्तान के संस्थापक और भारत विभाजन के वास्तुकार मुहम्मद अली जिन्ना का महिमामंडन करते हुए देखा गया था। मालूम हो कि जब अखिलेश यूपी के सीएम थे, तो उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर केवल एक बैठक बुलाने के लिए गृह सचिव को निलंबित कर दिया था।

दरअसल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक बार अखिलेश यादव को याद दिलाया था कि जब वह सीएम थे, तो उनका प्रशासन उनके वोट बैंक को संतुष्ट करने के लिए कब्रिस्तान बनाने में व्यस्त थे और उनके पिता ने सुरक्षा कर्मियों को कारसेवकों पर गोलियाँ चलाने का आदेश दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया