‘नवरात्रि में नहीं खुलेगी मीट की दुकान…आदेश है’ : BJP नेता का Video वायरल, मंडावली में शटर गिरवाए

बीजेपी नेता रविंद्र सिंह ने नवरात्रि में चिकन की दुकानों को बंद करवाया (फोटो साभार: वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट)

सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता रविंद्र सिंह (BJP leader Ravindra Singh) का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इसमें वह नवरात्रि के दौरान एक मुस्लिम इलाके में चिकन की दुकानों को बंद करवाते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो पश्चिम दिल्ली के विनोद नगर में मंडावली फजलपुर इलाके का है।

वायरल वीडियो में बीजेपी नेता को पुलिस और अन्य लोगों के साथ देखा जा सकता है। इसमें सिंह मीट की दुकानों के मालिकों से कह रहे हैं, “अभी नवरात्रि का समय है। इस समय मीट की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। सभी दुकानदार अपनी दुकानों को बंद रखें। नवरात्रि में मीट की कोई भी दुकान नहीं खुलेगी।” इसके बाद एक दुकानकार अपनी दुकान का शटर बंद कर देता है। थोड़ा आगे जाने के बाद बीजेपी नेता अन्य दुकानदारों से कहते हैं कि आप नवरात्रि को छोड़कर साल भर अपनी दुकानें खोल सकते हैं।

सोशल मीडिया पर जहाँ कुछ लोग इस कदम की सराहना कर रहे हैं। वहीं, कट्टरपंथी मुस्लिम और वामपंथी पत्रकार बीजेपी नेता पर निशाना साध रहे हैं। वामपंथी पत्रकार विनोद कापड़ी ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “क्या ये आदमी दिल्ली पुलिस का नया कमिश्नर है? अगर नहीं है तो पुलिस इसकी गुंडागर्दी पर कार्रवाई करके दिखाइए।” इस ट्वीट में विनोद कापड़ी ने सीपी पुलिस और दिल्ली पुलिस को टैग भी किया है।

विनोद कापड़ी को जवाब देते हुए सुधीर चतुर्वेदी ने लिखा, “क्या गलत है इसमें। आदेश के तहत नवरात्रों में मांस का व्यापार अगर नौ दिन नहीं चलेगा, तो कौन सी आफत आ जाएगी। हिन्दू दुकानदार भी तो मुस्लिम त्योहारों में अपनी दुकानें बंद कर लेते हैं। वैसे भी निवेदन के साथ आदेश का पालन करवाया जा रहा है।”

इन्द्रपाल सिंह लिखते हैं, “कपटी जी क्या नवरात्रि में मीट दुकान बंद रखने से तुम्हारी खुद की दुकान तो बंद नहीं हो रही। सच बताना कहीं, भेड़िए की खाल में घुसे लक्कड़बग्घे तो नहीं हो।”

वहीं, फैजल लिखता है, “क्या इसके बारे में कुछ नियम है? बंद दुकानें मतलब उन लोगों की आजीविका का नुकसान होगा। साथ ही रमजान चल रहा है, ऐसे में रोजेदार हर दो दिन में नॉनवेज को अपनी डाइट में शामिल करना चाहते हैं।”

शम्स उर रहमान अलवी लिखता है, “भले ही इस पर कार्रवाई न हो, लेकिन विरोध करना जरूरी है। इसके खिलाफ एक औपचारिक शिकायत दर्ज करें।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया