औरत बनने के लिए गौरांग की पहल: हेयर रिमूवल के लिए फंड रेजिंग, समर्थन में उठे हाथ

हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट के लिए शुरू किया गया फंडरेजर

भारत में फंड इकट्ठा करने वाले प्लेटफॉर्म बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। लोग अपनी आपातकालीन आर्थिक और चिकित्सकीय जरूरतों को पूरा करने के लिए इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर रहे हैं। हाल ही में एक फंडरेजर सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। यह फंडरेजर गौरांग नाम के एक व्यक्ति ने अपने बालों को हटाने (hair removal) के लिए शुरू किया गया है।

गौरांग से प्रकृति सोनी बने बेंगलुरु के इस निवासी का कहना है कि उसे अपने बालों को हटाने के लिए फंड की जरूरत है क्योंकि उसके परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। हालाँकि, पहली बार सुनने में यह भले मजाक लगे, लेकिन प्रकृति ने बताया कि यह उनके लिए जिंदगी की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। प्रकृति 21 वर्षीय एक ट्रांस-वुमन हैं।

प्रकृति ने यह बताया कि उन्हें अपने शरीर के बालों को हटाने की जरूरत है, ताकि उनकी जैविक और लैंगिक पहचान के बीच अंतर को खत्म किया जा सके। प्रकृति ने अपने फंडरेजर पेज में बताया कि यह अंतर उन्हें मानसिक रूप से तनावग्रस्त कर देता है। प्रकृति इसे ‘जेंडर डायस्फोरिया’ नाम देती हैं।

उन्होंने बताया कि Covid-19 के कारण देश भर में लगाए गए लॉकडाउन के कारण उनका जेंडर डायस्फोरिया और भी बुरी स्थिति में पहुँचा गया है। इसलिए उन्होंने लेजर ट्रीटमेंट के जरिए अपने शरीर के बालों को पूरी तरह हटाने का निर्णय लिया है। चूँकि, उनकी आर्थिक हालत सही नहीं है इसलिए उन्होंने इस काम में लोगों की मदद लेने का निर्णय लिया और यह प्रकृति सोनी के लिए काम कर गया, जो पहले गौरांग सोनी थीं।

अपने दावे की पुष्टि के लिए प्रकृति ने बेंगलुरु के ही रमैया मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टर का लिखा हुआ लेटर भी अपलोड किया है। लेटर में लिखा गया है, “क्लाइंट ने खुद को स्त्री के रूप में पेश किया है इसलिए उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मैं इस रिपोर्ट में उनके लिए स्त्रीलिंग सर्वनाम का उपयोग करूँगा।“

डॉक्टर ने प्रकृति को एक ‘मेल टू फीमेल ट्रांसजेंडर’ के रूप में परिभाषित किया है, जिसे बचपन से ही एक विपरीत लिंग वाले सदस्य के रूप में स्वीकार किए जाने की इच्छा थी। लेटर में यह भी कहा गया है कि उनका (प्रकृति) परिवार और उनके संपर्क के लोगों ने उनका हमेशा साथ दिया और यह दिखाई भी देता है, क्योंकि प्रकृति ने अपने तय लक्ष्य का आधा फंड जुटा लिया है।

रिपोर्ट लिखे जाने तक एक अज्ञात व्यक्ति ने 5,000 की सहायता की है, जो अब तक की सर्वाधिक रकम है। उस व्यक्ति ने प्रकृति के लिए संदेश दिया है कि उसे यह उम्मीद है कि प्रकृति अपने तय लक्ष्य तक जल्दी ही पहुँच जाएँगी और उनका इलाज हो जाएगा। उसने लिखा है कि प्रकृति एक शानदार व्यक्ति हैं और अपने जीवन में सर्वश्रेष्ठ की हकदार हैं।

एक दूसरे दानकर्ता आदिल ने लिखा, “मैं तुम्हें बता नहीं सकता कि मैं तुम्हारे लिए कितना खुश हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि सब कुछ जल्दी ठीक हो जाएगा।“

28 अक्टूबर 2020 को लिखे गए डॉक्टर के लेटर में कहा गया है कि प्रकृति ने पिछले 2 वर्षों से एक महिला की तरह जीवन गुजारने के अपने अनुभव के बारे में बताया है। लेटर में यह भी बताया गया है कि प्रकृति (गौरांग) को स्कूल में लड़कियों के साथ खेलना और उन्हीं की तरह रहना पसंद था।

डॉक्टर के लेटर में बताया गया है कि प्रकृति प्राइमरी और सेकंडरी, दोनों स्तर पर अपनी लैंगिक असमानता से छुटकारा चाहती हैं। लेटर में बताया गया है कि प्रकृति को हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी की आवश्यकता है ताकि वह अपने शरीर को स्त्री का रूप दे सकें, जो उनकी लैंगिक पहचान के अनुरूप है।

हालाँकि, अभी तक यह पता नहीं चला है कि प्रकृति ने हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी ली है या नहीं। हो सकता है इसके लिए उन्हें एक और फंडरेजर की जरूरत पड़े। फिलहाल बालों को हटाने के लिए शुरू किया गया फंडरेजर ठीक तरीके से आगे बढ़ रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया