इंस्टाग्राम अकाउंट: दिल्ली के मुस्लिम स्टूडेंट्स, दुआ- गैर मुस्लिमों की हो बर्बादी, तालिबान को अल्लाह दे शरिया लागू करने की ताकत

तालिबान के आते ही अफगानी देश छोड़ भाग रहे हैं, वहीं भारत में मुस्लिम समूह गदगद हैं (साभार: इंडियन एक्सप्रेस)

दिल्ली के मुस्लिम स्टूडेंट्स (muslim_students_of_delhi) नामक इंस्टाग्राम अकाउंट से सोमवार (16 अगस्त 2021) को भड़काऊ स्टोरी पोस्ट कर उन लोगों को निशाना बनाया गया जो तालिबान की निंदा कर रहे हैं। साथ ही इन्हें कुफ्र (kuffars) बताया गया। इस अकाउंट से मुस्लिमों को क्लोज्ड ग्रुप्स में तालिबान का समर्थन करने का सुझाव भी दिया गया। हालाँकि सोशल मीडिया पर विवाद होने के बाद 8600 फॉलोअर्स और 449 पोस्ट वाला यह अकाउंट डिलीट कर दिया गया।

muslim_students_of_delhi इंस्टाग्राम अकाउंट (फोटो : ट्विटर/alloutlefties)

एंटी हिन्दू और तालिबान समर्थित पोस्ट की श्रृंखला

alloutlefties और lsab17 नाम के दो ट्विटर यूजर्स द्वारा इन इंस्टाग्राम स्टोरी के स्क्रीनशॉट शेयर किए गए। पहली स्टोरी में इंस्टाग्राम अकाउंट द्वारा फॉलोअर्स से उन लोगों से सावधान रहने के लिए कहा गया जो तालिबान की निंदा कर रहे हैं। स्टोरी में कहा गया कि अगर तालिबान शरिया का 1% भी लागू करता है तो यह ‘कुफ्र सरकारों’ और शरिया-विरोधी समूहों से कहीं बेहतर होगा।

https://twitter.com/alloutlefties/status/1427182067033333769?ref_src=twsrc%5Etfw

स्टोरी में फॉलोअर्स को यह सुझाव दिया गया कि वो ‘कुफ्र दोस्तों’ के आगे तालिबान की आलोचना न करें और तालिबान के बारे में क्लोज्ड ग्रुप्स में ही चर्चा करें। साथ ही स्टोरी में यह भी कहा गया कि उनकी (कुफ्र) तालिबान से नफरत करने की एक ही वजह है कि वे इस्लाम से नफरत करते हैं और अल्लाह के कानून से नफरत करते हैं।

https://twitter.com/lsab17/status/1427338437259059200?ref_src=twsrc%5Etfw

आगे की स्टोरी में वो इस बात का जश्न मना रहे थे कि अफगान रेडियो अब गाना नहीं बजाएगा और महिलाएँ सिर से पैर तक ढकी हुई सड़कों पर निकलेंगी। उन्होंने अफगानिस्तान में प्रतिमाओं और लोकतंत्र की बर्बादी पर भी खुशी जाहिर की।

(स्क्रीनशॉट : ट्विटर/alloutlefties)

उन्होंने अल्लाह के हाथों कुफ्र (गैर-मुस्लिम) और मुनाफिक़ीन (मुस्लिम, जिन्हें इस्लाम में यकीन नहीं) की बर्बादी की इच्छा प्रकट की साथ ही यह दुआ माँगी कि अल्लाह उन्हें (तालिबान) ताकत दे जो अल्लाह का कानून (शरिया) लागू करने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं।

(स्क्रीनशॉट : ट्विटर/alloutlefties)

उनके अनुसार इस्लामिक मुल्कों के लिए शरिया की माँग करना गलत नहीं है, ठीक उसी तरह जैसे वामपंथी मार्क्स या लेनिन के सिद्धांतों का अनुसरण करने की माँग करते हैं और हिन्दू, हिन्दू राष्ट्र की इच्छा रखते हैं। भारत एक लोकतंत्र है न कि हिन्दू राष्ट्र।

(स्क्रीनशॉट : ट्विटर/alloutlefties)
(स्क्रीनशॉट : ट्विटर/इंस्टाग्राम)

हालाँकि ‘muslim_students_of_delhi’ नाम के इस समूह ने विवाद और आलोचना होने के बाद भी अपना रूख नहीं बदला। कई यूजर्स का कहना है कि इस समूह का एक बैकअप अकाउंट भी है जो अभी भी इंस्टाग्राम पर सक्रिय है और सिर्फ फॉलोअर ही वहाँ किए गए पोस्ट देख सकते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया