‘दो पैसे की प्याली गई, पर कुत्ते की जात पहचानी गई’: कुमार विश्वास का ट्वीट, मुनव्वर राना को क्यों पड़ रही गाली?

मुनव्वर राना (बाएँ) और कुमार विश्वास (दाएँ) (फोटो : द डे मीडिया/अमर उजाला)

देश में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है जो तालिबान का महिमामंडन कर रहे हैं। कई मुस्लिम धर्मगुरु और नेता तालिबान की प्रशंसा करते फूले नहीं समा रहे हैं, ऐसे में लोकप्रिय कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट करके ऐसे लोगों को लताड़ लगाई है।

विश्वास ने ट्वीट करके कहा, “ज्यादा दिमाग न लगाइए। अगर पड़ोस के घर में मची अफरा-तफरी के कारण, जिंदगी भर आपसे इज्जत पाने वाले और आपके घर में रह रहे, बदबूदार सोच से भरे किसी जाहिल शख्स का पर्दाफाश हो रहा है तो शोक नहीं, शुक्र मनाइए कि दो पैसे की प्याली गई (वो भी पड़ोसियों की), पर कुत्ते की जात पहचानी गई।”

https://twitter.com/DrKumarVishwas/status/1428401916006916106?ref_src=twsrc%5Etfw

हालाँकि विश्वास ने अपने ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया लेकिन सोशल मीडिया यूजर इसी बहाने शायर मुनव्वर राना को निशाने पर ले रहे हैं। कई यूजर्स का मानना है कि कुमार विश्वास ने बिना नाम लिए मुनव्वर राना के लिए ही यह बात कही है।

https://twitter.com/saket_hi/status/1428402204990337025?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/shivchaudhary0/status/1428402483018178561?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/prakhar_sri1/status/1428402149440983042?ref_src=twsrc%5Etfw

मुनव्वर राना ने कहा था कि तालिबानी आतंकी नहीं हैं बल्कि उन्होंने अपने मुल्क को आजाद कराया था। इस पर गीतकार मनोज मुंतशिर ने भी अपनी आपत्ति जताई थी और कहा था, “फिर तो आज़ाद कश्मीर की माँग करने और वादी में बेगुनाहों का खून बहाने वाले भी आतंकवादी नहीं हैं। राना साहब, मजबूर कर रहे हैं आप कि मैं अपनी लाइब्रेरी से आपकी किताबें हटा दूँ। बाज़ आ जाइए!”

https://twitter.com/manojmuntashir/status/1428260156173742083?ref_src=twsrc%5Etfw

ज्ञात हो कि ‘न्यूज नेशन’ चैनल पर दीपक चौरसिया से बात करते हुए राना ने तालिबान का महिमामंडन किया था और कहा था कि तालिबान ने भारतीयों के खिलाफ कोई खराब कदम नहीं उठाया और उन्हें जाने के लिए नहीं कहा, लेकिन हालात बिगड़ने पर लोग आ रहे हैं। मुनव्वर राना ने कहा कि तालिबान के जुल्म को लेकर हमें परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन अफगानिस्तान के हजार वर्ष का इतिहास कहता है कि हिंदुस्तान ने उनसे हमेशा मोहब्बत की है। यहाँ तक कि उन्होंने भगवान वाल्मीकि की तुलना तालिबान से कर डाली और कहा कि वाल्मीकि रामायण लिख देता है तो वो देवता हो जाता है, उससे पहले वो डाकू होता है। इंसान का कैरेक्टर बदलता रहता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया