प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद देश ने 22 मार्च को शाम 5 बजे एक अलग ही हिंदुस्तान देखा। इस हिंदुस्तान ने अपने प्रधानमंत्री की बात का मान रखते हुए कल बॉलकनी में आकर, दरवाजे से निकलकर, खिड़की पर खड़े होकर ताली-थाली बजाने के साथ शंखनाद किया। इस कड़ी में पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने भी पीएम मोदी की इस अपील का समर्थन किया। उन्होंने देश की सेवा में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों का आभार प्रकट करने के लिए अपने बच्चों के साथ बॉलकनी में खड़े होकर ताली-थाली बजाई, जिसका विडियो सोशल मीडिया पर देख कई लोग भाव-विभोर हुए, मगर कुछ इस्लामिक कट्टरुपंथी इसे देख आहत हो गए।
रविवार को मोहम्मद कैफ ने जहाँ अपने ट्वीट पर अपने बीवी-बच्चों के साथ बॉलकनी की विडियो शेयर करते हुए लिखा, “बॉलकनी में आएँ और भारत को कोरोना मुक्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ने वालों को धन्यवाद दें।”
https://twitter.com/MohammadKaif/status/1241715067466346496?ref_src=twsrc%5Etfwवहीं, इसे देखने के बाद कई लोगों ने उनकी तारीफ की। लेकिन कुछ मजहब के ठेकेदारों ने यहाँ भी जहर उगलना शुरू कर दिया। मोहम्मद फासिउद्दीन नामक यूजर ने मोहम्मद कैफ का ट्वीट और उनके द्वारा शेयर किए गए विडियो को देखकर कहा, “अस्तकफिरउल्लाह!! कुछ दौलत क्या कमा लिए अपने उसलम की तालीमत को भूल गए। क्या तुम्हारे घर की ख्वातिनें बीबी फातिमा जहरा को नहीं जानतीं?”
https://twitter.com/MohdFasiuddin10/status/1241717396680761346?ref_src=twsrc%5Etfwएक मोहम्मद इकबाल शाह नाम के यूजर ने कैफ को इस मुहिम को हिस्सा बना देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपनी कुँठा निकाली। इकबाल ने कैफ के ट्वीट पर लिखा, “यहाँ तालियाँ तब नहीं बजाई जाती जब कोई गरीब दिन भर मेहनत करने के बाद अपनी मजदूरी पाता है। यहाँ तालियाँ तब नहीं बजाई जाती जब कोई किसान साल भर मेहनत करने के बाद अपनी फसल उगाता है। यहाँ तालियाँ तब बजाई जाती है जब कोई राजनेता तमाशा करता है और हम बेबकूफ की तरह बजाते हैं अपनी।”
https://twitter.com/mohiqbalshah2/status/1241716827626942464?ref_src=twsrc%5Etfwइसके बाद नजीब उल हसनैन नामक यूजर ने विडियो देख कैफ से सवाल किया कि आखिर क्या है ये सब? वहीं इमरान खान ने सलाह दी कि कोरोना वायरस ताली बजाने से ठीक नहीं होगा, इसके लिए अल्लाह से दुआ करने की जरूरत है।
https://twitter.com/ImranKhan65408/status/1241743086100733953?ref_src=twsrc%5Etfwएसके मोजफ्फर नाम के यूजर ने कैफ के पोस्ट पर लिखा, “कैफ भाई थाली, ताली बजाना, बर्तन बजाना भिखारी का काम है। अपना नहीं।”
इसके बाद इसी युवक ने लिखा, “कैफ भाई, भाभी और आप थाली और बर्तन लेकर रेलवे पर जाओ और नौकरी करो। हिजड़ा की तरह पैसा मिलेंगे बहुत आपको। थाली और ताली बजाते रहो।”
https://twitter.com/SkMojaffar10/status/1241757767360118789?ref_src=twsrc%5Etfwसद्दाम हुसैन ने तो कैफ को और उनके परिवार को समुदाय के नाम पर कलंक तक बता दिया। जबकि सय्यद अजहर ने उनके इस समर्थन को बेफकूफी कही और कहा कि इससे अच्छा आजान पढ़ लिए होते बॉलकनी में खड़े होकर।
https://twitter.com/SyedAzh04662226/status/1241793320528908288?ref_src=twsrc%5Etfwमोहम्मद गुरफान नाम का कट्टरपंथी कैफ के लिए लिखता है, “वाह कैफ जी वाह, बहुत खूब आप में और गैर इमान वालों में क्या फर्क है बता सकते हैं? अरे आपको चाहिए अपने परिवार को बोलते अल्लाह के सामने सजदा करो, दुआ माँगो, रो-रोकर दुआ माँगो और सुन्नत पे चलो। अल्लाह की बात छोड़ बजाय फेकू साहब की मान रहे हो, वाह।”
https://twitter.com/MdGufra56749996/status/1241794829404626946?ref_src=twsrc%5Etfwगौरतलब है कि सोशल मीडिया एक ऐसी जगह है, जहाँ अक्सर इस्लामिक क़ट्टरपंथियों की मन की बात किसी न किसी जरिए सामने आती रहती है। समुदाय विशेष के कई सेलेब्रेटी जब हिंदू त्योहारों को उत्साह के साथ मनाते दिखते हैं या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील मानकर उसका अनुसरण करते दिखते हैं, तब अक्सर ऐसे कमेंट और मजहबी बातें उनके ट्विट्स का हिस्सा होती हैं। पिछले दिनों अपने बंगाली एक्ट्रेस और टीएमसी सांसद द्वारा पूजा पाठ किए जाने पर इन कट्टरपंथियों का चेहरा देखा गया था। फिर, सारा अली खान द्वारा गणपति पूजन पर भी उन्हें नमन करने पर भी उन्हें मजहब का डर दिखाया गया था।