जिस जाकिर अली के लिए रामराज्य में नोची जाती हैं ‘सीता-लक्ष्मी’, उसे पैगंबर मुहम्मद पर माफी बर्दाश्त नहीं: पुराने ट्वीट वायरल

पत्रकार जाकिर अली त्यागी का पुराना ट्वीट हो रहा वायरल (फोटो साभार: अंशुल सक्सेना के ट्विटर हैंडल से)

सोशल मीडिया पर पत्रकार जाकिर अली त्यागी अपने दोहरे रवैये के कारण यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। वह पैगबंर मुहम्मद पर कथित टिप्पणी करने के लिए बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के खिलाफ लगातार कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हजरत मुहम्मद के खिलाफ बोलने वाले की माफी कबूल नहीं की जाएगी।

दरअसल, जाकिर अली त्यागी ने वर्ष 2020 में खुद हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया था। जाकिर द्वारा अगस्त 2020 में किए गए ट्वीट का स्क्रीनशॉट अंशुल सक्सेना ने अपने हैंडल पर शेयर किया है। सक्सेना ने इसमें लिखा है, “पत्रकार जाकिर अली त्यागी को हिंदू देवी सीता, लक्ष्मी का मजाक उड़ाने और बलात्कार के मामलों में उन्हें जोड़कर रिपोर्ट करने की आदत है। ‘सीता और लक्ष्मी को नोचने’ की खबर आई है ऐसा लिखने वाले नूपुर शर्मा को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए माफ नहीं कर सकते हैं।”

जाकिर ने अपने दो साल पहले किए गए ट्वीट लिखा था, “यूपी के बलिया में 17 वर्षीय नाबालिग युवती से 4 लोगों ने दुष्कर्म किया। कल ही यूपी में रामराज्य की नए सिरे से नींव रखी गई, लेकिन पहले ही दिन देश की सीता, लक्ष्मी को नोंचने की खबर भी उसी राम राज्य से आई है। रेप पीड़िताएँ चीख रही, इंसाफ माँग रही हैं, सरकार मंदिर बना रही है, शर्मनाक।”

पत्रकार के इस ट्वीट को लेकर यूजर्स काफी आक्रोश में हैं। अनुज शर्मा लिखते हैं, “पत्रकारिता के नाम पर कब तक देवी देवताओं का अपमान करेंगे? कभी कभी लगता है ये देवी-देवताओं का अपमान करने के लिए ही पत्रकार बनते है। या अपमान करने के पैसे मिलते है और नाम कमाते है।”

एक अन्य यूजर ने ट्विटर पर लिखा, “कोई इन भाई साहब से पूछे कि इनके नाम के साथ त्यागी क्या कर रहा है? बहुत से लोगों ने जब जबरन धर्म परिवर्तन कराया, तो उन्होंने अपना सरनेम अपने नाम के साथ लगाकर रखा, ताकि जब चीजें नियंत्रण में आ जाए, तो उनकी पीढ़ियाँ अपने मूल धर्म में वापस आ सकें। कुछ तो शर्म करो।”

बता दें कि शर्मा को इस्लामवादियों की ओर से जान से मारने की धमकियों सहित कई तरह की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्होंने पैगंबर मुहम्मद पर इस्लामिक ग्रंथों के अनुसार कथित, टिप्पणी की थी जिससे मुस्लिमों में नाराजगी है। उन्होंने अपने बयान में तर्क दिया था कि चूँकि लोग बार-बार हिंदू धर्म का मजाक उड़ा रहे हैं, वे इस्लामी मान्यताओं का जिक्र करते हुए अन्य धर्मों का भी मजाक उड़ा सकते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया