करोड़ों के घोटाले की आरोपित और वाशिंगटन पोस्ट की स्तंभकार राणा अयूब (Rana Ayyub) ने 12 अगस्त को लेखक सलमान रुश्दी की सलामती की दुआ माँगते हुए जो ट्वीट किया था, उसे उन्होंने डिलीट कर दिया है। हादी मतार (Hadi Matar) पर रुश्दी की हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया है।
ऐसा माना जा रहा है कि रुश्दी पर यह हमला कथित रूप से ईशनिंदा के कारण हुआ, क्योंकि उनकी किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ (The Satanic Verse) को कट्टरपंथी लोग, पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) के जीवन पर किया गया एक व्यंग्य मानते हैं। रुश्दी पर हमले के बाद राणा अयूब ने ट्वीट किया कि वह उनके ठीक होने के लिए प्रार्थना कर रही हैं।
हालाँकि, ट्विटर पर मुस्लिम समुदाय द्वारा उनकी निंदा किए जाने के बाद उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। कई इस्लामवादी ट्विटर पर अयूब के इस पोस्ट को देखकर आगबबूला हो गए। उन्होंने राणा की क्लास लगाते हुए कहा, “वे किसी ऐसे शख्स को फ़ॉलो नहीं कर सकते हैं, जिसने पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने वाले का समर्थन किया हो और उसकी सलामती की दुआ माँगी हो।” इसके बाद उन्होंने अयूब को अनफॉलो कर दिया।
कई अन्य इस्लामवादियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उनके मुताबिक, अयूब वही बोल रही हैं, जो पश्चिम के लोग सुनना चाहते हैं। अयूब अब पश्चिमी अभिजात वर्ग के उदारवादियों की पहली पसंद बन चुकी हैं, क्योंकि वह पीएम मोदी और उनके नीतियों का शुरू से विरोध करती आ रही हैं। वह अल्पसंख्यकों और मुस्लिमों का दिल जीतने के लिए मुद्दों को भुनाने में जुटी रहती हैं।
एक मुस्लिम ट्विटर यूजर ने कहा कि वह इंस्टाग्राम पर राणा अयूब की तस्वीरें और उनके द्वारा मुस्लिम मुद्दों पर आवाज उठाने के बाद उनके फैन हो गए थे। हालाँकि, अब उन्होंने ऐसा महसूस किया कि वह सिर्फ अपने करियर को आगे ले जाने के लिए ये सब कर रही थीं।
राणा ने एक अन्य लेखक सुकेतु मेहता के एक ट्वीट को भी ‘लाइक’ किया था, जिसमें रुश्दी को ‘बॉम्बे का शेर’ (Lion of Bombay) कहा गया था, लेकिन मुस्लिम ट्विटर यूजर के निशाने पर आने के बाद राणा ने इसे ‘अनलाइक’ कर दिया था। यानी अब वह इस बात से सहमत नहीं थी।
मुस्लिम ट्विटर यूजर्स ने कथित रूप से ‘ईशनिंदा’ करने वाले लेखक सलमान रुश्दी की सलामती की दुआ माँगने वाले ट्वीट को डिलीट करने के बाद उनकी सराहना की और खुशी जताई कि अब वह सही रास्ते पर आ गई हैं।
यही नहीं कई मुस्लिम ट्विटर यूजर्स ने राणा को ‘खुद को सही’ करने पर उनकी जमकर तारीफ की।
राणा ने केवल अपना ‘नो वर्ड्स’ वाला ट्वीट रखा हुआ है, जो इस्लामवादी द्वारा सलमान रुश्दी को छुरा घोंपने से संदर्भित है।
समुदाय विशेष और इस्लामवादी भाइयों को खुश करने के लिए उन्होंने रुश्दी पर हमले की निंदा करने के लिए गैर-इस्लामवादियों का मजाक उड़ाते हुए एक और ट्वीट किया।
पहले भी राणा कर चुकी हैं कई ट्वीट डिलीट
हालाँकि, यह पहली बार नहीं है, जब राणा ने उम्माह के साथ खड़े होने के लिए अपने ट्वीट डिलीट किए हों। जुलाई 2020 में जब तुर्की द्वारा हागिया सोफिया म्यूजियम, जो कभी एक चर्च था उसे मस्जिद में बदलने की कई देशों ने आलोचना की थी, उस वक्त राणा ने ट्वीट कर तुर्की के इस कदम को सराहा था।
राणा का ट्वीट राम जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संदर्भ में था, जिसमें शीर्ष अदालत ने राम लला के पक्ष में फैसला सुनाया था और मस्जिद के लिए अलग जमीन का आदेश दिया था। यही नहीं नीरज चोपड़ा ने जब टोक्यो 2020 एथलेटिक्स में भारत का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था। उस वक्त नीरज चोपड़ा की सराहना करते हुए राणा ने उनकी एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसे उन्होंने कुछ देर बाद ही हटा दिया था।
नेटिज़न्स ने पहले ही नीरज चोपड़ा की तारीफ करते हुए उनके ट्वीट का स्क्रीनशॉट ले लिया था। दरअसल, चोपड़ा ने अपने ट्वीट में भारत सरकार और पीएम मोदी को धन्यवाद दिया था, जो राणा को पसंद नहीं आया। हालाँकि, उन्होंने कुछ घंटों बाद फिर उनकी फोटो को शेयर किया था।
हो सकता है, तब वह काफी उत्साहित थीं, जब खेल भावना के मद्देनजर नीरज ने कथित तौर पर कहा था कि पाकिस्तानी एथलीट नदीम अरशद का पोडियम पर होना एशिया के लिए अच्छा और गर्व का क्षण है।
नीरज ने उस समय केंद्र सरकार को धन्यवाद देने के साथ-साथ एक साथी एथलीट की भी सराहना की थी। यह उनके बड़प्पन को दिखाता है। वहीं, राणा का नीरज चोपड़ा को लेकर किया गया ट्वीट हटाना उनकी निम्न मानसिकता को दर्शाता है। उनका सलमान रुश्दी की सलामती को लेकर पहले ट्वीट करना फिर डिलीट कर देना सिर्फ यह दिखाता है कि उन्होंने इस्लामवादियों की नजरों में ऊपर उठने के लिए ये सब किया है।