सेकुलर होने के नाम पर कई नेताओं के हिंदू विरोधी बयान सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। इस बार बारी आई है खुद को दलितों का नेता कहने वाले रुद्र प्रताप कुशवाहा की। वायरल वीडियोज में कुशवाहा को खुले तौर पर देश के ब्राह्मणों को मारने की बातें कहते सुना जा सकता है।
वायरल वीडियो में कुशवाहा कहता है- “अब देश में हिंदू मुस्लिम नहीं, बैकवर्ड और फॉर्वर्ड दंगा करेगा तुम लोगों को भारत से भगाने के लिए। आगे कुशवाहा कहता है कि इन 2 फीसद ब्राह्मणों को देश से खदेड़ कर मारिए।“
आगे वो कहता है- “न हिंदू खतरे में है, न मुसलमान खतरे में है, न गीता खतरे में न कुरान खतरे में है। अरे सही से अपनी आँखों से धर्म का चश्मा उतारकर देखो, इन 2 % ब्राह्मणों के कारण पूरा हिंदुस्तान खतरे में है।”
बता दें कि कुशवाहा की अन्य वीडियो भी सोशल मीडिया पर चल रही हैं। इन वीडियो में वो कहता है कि अगर देश चलाना है तो मुस्लिम को देश से भगाना जरूरी नहीं है, ब्राह्मणों को देश से भगाकर खत्म कर देना चाहिए।
आगे वो मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक कानून बनाने पर आपत्ति जताता है। वो पीएम मोदी को ‘मुसलमान की औलाद’ जैसे शब्द कहता है। इसके बाद वो भगवान की शक्तियों पर सवाल उठाता है। राम मंदिर के लिए घृणा दर्शाता है। धर्म को नीचा दिखाने के लिए कहता है कि धर्म के कारण बैकवर्ड क्लास पढ़ नहीं पाई ऐसे में वो इस धर्म को आग लगाने का काम करेंगे। कुशवाहा ने हिंदुओं के देवी-देवताओं पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि ये जो ब्रह्मा, विष्णु, महेश हैं इन्हें सब सृष्टि का मालिक कहते हैं। अगर ये लोग सच में सृष्टि के मालिक हैं तो ये हिंदुस्तान में ही क्यों पैदा हुए, चीन, जापान में क्यों नहीं हुए।
बता दें कि रुद्र प्रताप कुशवाहा युवा विचार मंच संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष है। वो समय समय पर ब्राह्मणों के खिलाफ बयानबाजी करता रहता है। जो दलित ब्राह्मणों का समर्थन करता है उनके लिए रुद्र प्रताप कहता है कि वो लोग ब्राह्मणों की नाजायज औलाद हैं। उसके अनुसार इस देश में दलितों को मुस्लिमों को भाई मानना चाहिए क्योंकि सबसे बड़ा इतिहास मुगल वंश का है और ब्राह्मणों को मारकर भगा देना चाहिए। उसके मुताबिक जो इनका समर्थन करता है उनमें मर्दानगी नहीं है।
गौरतलब है कि रुद्र प्रताप के अलावा युवा विचार मंच संरक्षण राकेश कुशवाहा भी ऐसे आपत्तिजनक बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं। राकेश कुशवाहा की एक वीडियो वायरल है जिसमें उन्हें कहते सुना गया था, “पंडित, ब्राह्मण और पुजारी की बेटी से शादी कीजिए। उसका शुद्धिकरण कीजिए। मैं कोर्ट केस का जितना खर्चा आएगा, सब दूँगा। मैं लड़ूँगा। किसी का बाप मुझपर केस नहीं करेगा।”