कॉन्ग्रेस नेता व तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने मंगलवार (17 अगस्त) को एक ट्वीट करके चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने अफगानिस्तान में आतंक मचाने वाले तालिबानियों में दो भारतीयों के शामिल होने की आशंका जताई है। शशि थरूर ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान की ओर से जश्न मनाए जाने से संबंधित एक वीडियो मंगलवार को ट्विटर पर साझा किया।
कॉन्ग्रेस नेता ने दावा किया है कि उन्होंने वीडियो में दो भावुक तालिबानियों को मलयालम में बातचीत करते हुए सुना है। थरूर ने लिखा, “ऐसा प्रतीत होता है कि तालिबान ने केरल के कम से कम दो मलयाली लोगों को भर्ती किया है। इनमें से एक को 8 सेकेंड के आसपास ‘संसारिककिट्टे’ (मलयाली शब्द) बोलते हुए सुना जा सकता है और दूसरा तालिबानी इसे समझता है।” आप वीडियो में देख सकते हैं कि तालिबान का एक सदस्य काबुल पहुँचने के बाद कैसे खुशी से रो रहा है।
https://twitter.com/RamizReports/status/1426839635725070337?ref_src=twsrc%5Etfwइसको लेकर कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता नेटिजन्स के निशाने पर आ गए हैं। इस कुकत्य का महिमामंडन करने के लिए उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है। जहाँ एक यूजर ने उनके लिए ‘मालीबान’ शब्द का इस्तेमाल करने को कहा, वहीं दूसरे ने सवाल किया कि क्या उन्हें इन तालिबानियों पर गर्व है?
https://twitter.com/mujeshjay/status/1427468011850518533?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/iamhirday/status/1427469558554660876?ref_src=twsrc%5Etfwएक अन्य नेटिजन ने थरूर और कॉन्ग्रेस पार्टी का मजाक उड़ाते हुए कहा, “अपने कार्यकर्ताओं को भेजने के लिए बधाई।”
https://twitter.com/CherryMasula/status/1427468463799365634?ref_src=twsrc%5Etfwकुछ लोगों ने यहाँ तक कहा कि वीडियो में मलयाली शब्द नहीं हैं। थरूर को सुर्खियों में बने रहने के लिए इस तरह की झूठी खबरें नहीं फैलानी चाहिए।
https://twitter.com/Mockracy1/status/1427468789298335755?ref_src=twsrc%5Etfwकई ट्विटर यूजर्स ने थरूर के ट्वीट का हवाला देते हुए पौराणिक ‘केरल मॉडल’ पर चुटकी ली।
https://twitter.com/ushanka_enjoyer/status/1427473613834260503?ref_src=twsrc%5Etfwएक अन्य यूजर ने थरूर को अपने लोगों की क्षमता को समझने और उन्हें खुश करने के लिए ‘सच्चा नेता’ कहा।
https://twitter.com/Oye_Jahazi/status/1427469932401348612?ref_src=twsrc%5Etfwथरूर ने अभी तक अपने बयान को ना ही डिलीट किया है और ना तो वापस लिया है।
केरल आईएसआईएस के लिए प्रजनन स्थल
जाँच में पता चला है कि आईएसआईएस ने 2014 में केरल में अपने जड़ें जमा ली थीं, जिसमें मॉड्यूल धार्मिक धर्मांतरण को प्रायोजित करते थे। लोगों को अफगानिस्तान और सीरिया में आतंकी संगठन में भर्ती करने के लिए उनका माइंड वॉश करते थे। पिछले साल आतंकवाद पर अपनी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने चेताया था कि भारत के केरल राज्य में बड़ी संख्या में आईएसआईएस आतंकवादी मौजूद हैं। मालूम हो कि आईएसआईएस भारतीय सहयोगी (हिंद विलायह), जिसकी घोषणा 10 मई, 2019 को की गई थी, इसमें 180 से 200 सदस्य थे।