‘टोपी वाले आतंकी फाँसी से लटके’: अहमदाबाद ब्लास्ट में फैसले पर गुजरात BJP ने शेयर किया कार्टून, ट्विटर ने हटाया

अहमदाबाद बम ब्लास्ट की सज़ा पर गुजरात भाजपा का कार्टून ट्विटर ने हटाया

गुजरात भाजपा के आधिकारिक हैंडल @BJP4Gujarat से किए गए अहमदाबाद बम ब्लास्ट के दोषियों की फाँसी वाले ट्वीट को ट्विटर ने हटा दिया है। ट्वीट में 38 दोषियों को मिली सज़ा को एक कार्टून के रूप में चित्रित किया गया था। इसमें टोपी पहने मुस्लिमों के एक समूह को एक साथ फंदे पर लटकाए दिखाया गया था। ऐसा इसलिए, क्योंकि स्पेशल कोर्ट से सजा पाए सभी दोषी मुस्लिम समुदाय से हैं।

ट्विटर द्वारा हटाए गए कार्टून में दोषियों के चेहरे पर डर दिख रहा था। इसी कार्टून में 2 और चित्र भी थे। पहली में बम ब्लास्ट दिख रहा था और दूसरी तस्वीर में अदालत की बिल्डिंग। अदालत की बिल्डिंग के साथ भारत का झंडा भी दिखाई दे रहा था। इस चित्र के कैप्शन में लिखा था, ‘सत्यमेव जयते’ जिसका अर्थ है ‘सत्य की हमेशा जीत होती है’। यही वाक्य भारत के राजचिन्ह में भी है। कार्टून के कैप्शन में आगे लिखा था, “जो भी आतंक फैलाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।”

ट्विटर द्वारा हटाया गया कार्टून

कई मुस्लिम संगठनों और वामपंथी विचारधारा वालों ने गुजरात भाजपा के इस ट्वीट की निंदा की थी। उन्होंने इसे सामूहिक नरसंहार के लिए आह्वान बताया था। इसी के साथ इस ट्वीट को भारी संख्या में रिपोर्ट किया गया था। परिणामस्वरूप ट्विटर ने इसे डिलीट कर दिया। लेकिन ट्विटर के इस कदम की कई नेटिज़ेंस ने आलोचना की है। नवीद नाम के एक यूजर ने अपने हैंडल @Spoof_Junkey से लिखा, “ट्विटर के मुताबिक यह फोटो उसके नियमों का उल्लंघन है, पर क्या कभी ट्विटर ने उन पर भी कार्रवाई की है जो तिलक, कलावा और जनेऊ आदि को भगवा आतंकवाद से जोड़ते हैं ?”

एक अन्य मामले में @Squineon ने लिखा, “ट्विटर ने गुजरात भाजपा का वो ट्वीट डिलीट कर दिया जिसमें फाँसी की सजा को दिखाया गया था। अब समय है कि सरकार ट्विटर इंडिया को कोर्ट में घसीटना चाहिए। लेकिन मुझे शक है कि ऐसा कुछ होने वाला है।”

वहीं दूसरी तरफ अब कई वामपंथी और लिबरल गुजरात भाजपा के ट्विटर हटने का श्रेय लेना शुरू कर दिए हैं। उन्हीं में एक एक हैंडल ‘Team Saath Official’ ने क्रेडिट लेते हुए लिखा, “हमने कर दिखाया। भाजपा का नरसंहार वाला ट्वीट ट्विटर ने हटा दिया है। शाँत मत बैठो। कुछ तो करो। इस से फर्क नहीं पड़ता कि यह छोटा है या बड़ा। देखो गलत के विरुद्ध आपकी आवाज का परिणाम।”

गौरतलब है कि 26 जुलाई 2008 में गुजरात के अहमदाबाद में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। आतंकियों ने अस्पतालों तक को भी निशाना बनाया था। इस केस की जाँच करते हुए गुजरात पुलिस और ATS ने मिल कर इंडियन मुजाहिदीन के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया। इन्हीं आतंकियों ने भारत के कई अन्य शहरों में भी ब्लास्ट किए थे। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाँच कर रही पुलिस टीम को पूरा सहयोग दिया था। इसी के चलते आतंकियों के खिलाफ ठोस पैरवी हुई। 18 फरवरी 2002 को स्पेशल कोर्ट ने 49 आरोपितों में से 38 को फाँसी और 11 को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया