सुप्रीम कोर्ट में बी.आर. गवई और के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि जब इस मामले की जाँच चल रही थी, तो मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह का सार्वजनिक बयान देना कितना उचित था।
मोहन जी ने दावा किया था, "मैंने सुना था कि पुरुषों में नपुंसकता लाने वाली दवा पंचामृतम में मिलाई गई थी। इस खबर को छिपाया गया और उस पंचामृतम को नष्ट कर दिया गया।"
पद्मावती ने कहा, "जैसे ही मैं लड्डू बाँटने जा रही थी, मैं यह देखकर दंग रह गई कि उसमें तंबाकू के टुकड़े कागज में लिपटे हुए थे। प्रसाद को पवित्र माना जाता है, और उसमें ऐसी मिलावट होना दिल दहला देने वाला है।"
रेड्डी ने नायडू पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू भक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और टीटीडी की पवित्रता पर सवाल उठाकर जनता में भ्रम फैला रहे हैं।