पाकिस्तानी परिवार को भारत में फर्जी पहचान के साथ लाने का काम मेहदी फाउंडेशन का था। इस संस्था ने ही परिवार के फर्जी पहचान पत्र से लेकर अन्य फर्जी दस्तावेज बनवाए थे।
सिद्दीकी अपनी बीवी और उसके परिवार व रिश्तेदारों समेत बांग्लादेश से भारत पश्चिम बंगाल के मालदा को क्रॉस करके पहुँचा था। 2014 में उसने भारत में एंट्री ली थी। 2018 के बाद वो बेंगलुरु में रहता था।