‘पुलिस नहीं, मुझ पर मुन्नन खाँ के वर्दी वाले गुर्गों ने चलाई थी गोली’: कारसेवक नरसंहार में जीवित बचे महंत ने बताया- मरा समझ सरयू में फेंकने जा रहे थे
1990 में घायल हुए रामस्वरूप का दावा है कि अयोध्या में उन्हें व उनके साथियों को गोली पुलिस ने नहीं बल्कि मुन्नन खाँ के गुर्गों ने मारी थी।