प्रिय वामपंथियो! अपनी खून की प्यास को सही ठहराने के लिए माँ के गर्भ का ‘इस्तेमाल’ बंद करो
आखिर क्यों न किया जाए सफूरा से सवाल? दिल्ली दंगे क्या कोई फिल्मी सीन था, जिन्हें स्मृतियों से डिलीट कर दें? या कोई काल्पनिक घटना थी, जिसे...
आखिर क्यों न किया जाए सफूरा से सवाल? दिल्ली दंगे क्या कोई फिल्मी सीन था, जिन्हें स्मृतियों से डिलीट कर दें? या कोई काल्पनिक घटना थी, जिसे...
द वायर का कॉपीराइट सामग्री को चुराने का पुराना इतिहास रहा है, इससे पहले राज्यसभा टीवी ने भी वामपंथी प्रोपेगेंडा वेबसाइट को इस मामले में नोटिस भेजा था।
सही मायने में भारत को अगर किसी से खतरा है तो वो यही फेक न्यूज और प्रोपेगेंडा चलाने वालों तथा देश का अपमान करने वाले सम्पादकों से है जो...
NDTV के पत्रकार रवीश कुमार ने 2 दिन में फेसबुक पर दो बार फेक न्यूज़ शेयर किया। दोनों ही बार फैक्ट-चेक होने के कारण उनकी पोल खुल गई। फिर भी...
अहमदाबाद वेंटिलेटर मामले में द वायर के झूठ की पोल खुद पीआईबी ने फैक्टचेक कर खोली है।
द वायर ने 'दिल्ली सांप्रदायिक हिंसा: गर्भवती सफूरा को जेल, गन सप्लायर सिरोही को बेल' शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में भ्रामक दावे किए थे।
महाराष्ट्र के पालघर में 16 अप्रैल 2020 को दो साधुओं और उनके ड्राइवर की भीड़ ने निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी।
आखिर 'जमात-ए-प्रोपेगेंडा' यानी, द वायर, क्विंट, NDTV, बीबीसी आदि आतंकवादियों के नाम के आगे 'आतंकी' क्यों नहीं लिखते हैं?
हंदवाड़ा मुठभेड़ में आतंकियों से लड़ते हुए सेना के जवान और ऑफिसर वीरगति को प्राप्त हुए। लेकिन TheWire के लिए सिर्फ 'कथित आतंकी' हैं।
तथ्य यह है कि नवाब द्वारा दान देना तो दूर, गोरखनाथ मंदिर को दो बार मुस्लिम आक्रान्ताओं द्वारा नष्ट किया गया था। सबसे पहले इसे अलाउद्दीन खिलजी ने 14वीं सदी…