मराठा

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के स्कूलों के बाद अब सरकारी दफ्तरों में भी मराठी किया अनिवार्य, नहीं तो रुकेगा इन्क्रीमेंट

महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी विभागों के बीच लिखित संचार के लिए मराठी का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। ऐसा नहीं करने वाले अधिकारी का इस साल का इन्क्रीमेंट रोक दिया…

262 साल पहले जब दुर्रानी साम्राज्य को धूल चटा पेशावर में फहराया था मराठाओं ने केसरी झंडा

पुणे की सीमा से लगभग 2000 किलोमीटर दूर हासिल इस विजय ने मराठाओं के कीर्ति को दूर तक पहुँचाने में बहुत बड़ा योगदान दिया था।

मुगलों को धूल चटा दिल्ली में भगवा लहराने वाले सिंधिया, दिग्विजय के ‘गद्दार’ पूर्वज को सबक सिखाने वाले सिंधिया

इतिहास का यह पन्ना सन् 57 से भी पुराना है। तब सम्पूर्ण भारतवर्ष में मराठा शासन का प्रभाव चरम पर था। मुगलों से अपने तलवे चटवाने वाला एक सिंधिया भी…

अफजल को मारा, शाहिस्ता को हराया और औरंगज़ेब को नाकों चने चबवाया: छत्रपति शिवाजी के प्रमुख युद्ध

1659 में आदिलशाह ने छत्रपति शिवाजी के साम्राज्य को नष्ट करने के लिए 75000 सैनिकों की सेना के साथ अफ़ज़ल खान को भेजा। छत्रपति शिवाजी ने कूटनीतिक तरीके से अफजल…

वो शिवा जिसने शिवाजी की जान बचाने के लिए ख़ुद का बलिदान दिया: जब 300 मराठों ने 1 लाख की फ़ौज को हराया

छत्रपति शिवाजी ने आधी रात को 300 सैनिकों के साथ हमला किया। उस वक्त लालमहल में शाहिस्ता खान के लिए 1,00,000 सैनिकों की कड़ी सुरक्षा थी। इस हमले से छत्रपति…

जीभ काटी, आँखें फोड़ी, नाखून उखाड़े, सर काट कर कुत्तों को खिलाया: छत्रपति संभाजी महाराज को मिली इस्लाम कबूल न करने की सज़ा

छत्रपति संभाजी महाराज के शरीर के अंग काट लिए जाते थे और रात भर तड़पने के लिए छोड़ दिया जाता था। फिर भी उन्होंने इस्लाम कबूल नहीं किया।

सिंह चला गया लेकिन ‘माँ’ को सिंहगढ़ दे गया: बेटे की शादी छोड़ छत्रपति के लिए युद्ध करने वाले तानाजी

गाय और भेंड़ का माँस खाने वाला उदयभान। उसके 12 ताक़तवर बेटे। उसका सेनापति हिल्लाल। 1800 पठान। अरबों की सेना। इन सबके बावजूद तानाजी ने माँ को किया वादा निभाने…

अयोध्या, प्रयाग, काशी, मथुरा: ‘हिन्दू पद पादशाही’ के लिए मराठों की संघर्ष गाथा

राजनीतिक और सैन्य कारणों से मराठे पवित्र स्थलों को वापिस पाने का सपना पूरा नहीं कर पाए। लेकिन भरसक प्रयासों में कोई कोताही नहीं बरती। आज यह याद करना ज़रूरी…