राणा सांगा

80 जख्म के साथ बाबर से लड़े, घायल अवस्था में भी मुगलों को ललकारने की योजना बना रहे थे: तोपों और विस्फोटक के सामने यूँ चमकी थी मेवाड़ी तलवार

तुर्क़-अफ़ग़ान के अवशेषों पर एक हिन्दू राज्य की स्थापना का स्वप्न लिए राणा सांगा ने बाबर के इरादों की भनक लगते ही उसे सबक सिखाने का मन बना लिया था।

एक वीर और भी था… गाँधीजी के साथ जिनकी पुण्यतिथि हर वर्ष मनाई जानी चाहिए

उनका एक हाथ जा चुका था। एक ही आँख से देख पाते थे, दूसरी युद्ध की बलि चढ़ गई थी। एक ही पाँव से ठीक से चल पाते थे, दूसरा…