Monday, November 18, 2024

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Chabahar

चाबहार पर प्रतिबंधों की धमकी दे रहा था अमेरिका, जयशंकर ने धो डाला: ईरानी बंदरगाह भारत के हाथ में आने के बाद बदला था...

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "मैंने इस विषय में कुछ बयान देखे थे। साल में यह बात लोगों तक पहुँचाने और समझाने की जरूरत है कि यह बंदरगाह सबके हित में है।''

निमरोज के गवर्नर पैलेस पर तालिबान का कब्जा, करेंसी एक्सचेंज पर भी: भारत की ‘चाबहार पोर्ट’ परियोजना पर असर?

दरअसल जरंज, अफगानिस्तान और ईरान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है और देलाराम (Delaram) से जरंज तक सड़क निर्माण भारत द्वारा ही कराया गया था जिसके माध्यम से भारत की योजना अफगानिस्तान के गारलैंड हाइवे होते हुए हेरात, कांधार, काबुल और मजार-ए-शरीफ तक पहुँचने की थी।

म्यांमार में सित्वे पोर्ट हुआ चालू, भारत ने चीन को दी मात

भारतीय महासागर को घेरने की चीन की तथाकथित 'स्ट्रिंग ऑफ़ पर्ल्स' रणनीति का एक मोती सित्वे पोर्ट भी था। इंस्टिट्यूट फॉर डिफेन्स स्टडीज़ एंड एनालिसिस में प्रकाशित नम्रता गोस्वामी की रिपोर्ट के अनुसार अंडमान सागर में चीन सिगनल इंटेलिजेंस एकत्र करने के उपकरण लगा रहा था जिससे भारत की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके।

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