मार्क्स चचा नहीं जानते थे कि पुलिस की लाठी से नास्तिक वामपंथियों का मजहब बाहर निकल आएगा
जब कोई उमर खालिद UAPA के तहत गिरफ्तार होगा तो उसके पास जमानत के लिए उसका मजहब ही उसकी प्रेग्नेंसी रिपोर्ट हो जाएगा। मार्क्स चचा ये नहीं जानते थे।
जब कोई उमर खालिद UAPA के तहत गिरफ्तार होगा तो उसके पास जमानत के लिए उसका मजहब ही उसकी प्रेग्नेंसी रिपोर्ट हो जाएगा। मार्क्स चचा ये नहीं जानते थे।
रूस में गृहयुद्ध के दौरान लेनिन के सामने शासन और सर्वहारा में से किसी एक को चुनने का समय आया, तब उसने सर्वहारा में ही जार को देखा।
जातिवाद खत्म करने वाली आर्थिक ताकत मुक्त बाज़ार के कम्युनिस्ट दुश्मन हैं। सड़कें न बनने देने वाले, स्कूलों में बम लगा देने वाले माओवादियों के पैरोकार हैं।
मार्क्स कभी उसे देखने भी नहीं जाते थे, जिस कारण फ्रेडिक देमुथ की शिक्षा-दीक्षा अच्छे से नहीं हो पाई। वो जिंदगी भर मजदूर और कल-पूर्जे बनाने वाला काम करता रहा।…
तथाकथित लौह-महिला इंदिरा ने वामपंथी शिक्षा नीति के उस विष-बेल को बाकायदा सींचकर इतना जड़ीभूत कर दिया कि आज हम जो रोमिला, चंद्रा, हबीब आदि की विषैली शिक्षाएँ देख रहे…
मैं जेएनयू की खदान का ही उत्पाद हूँ। कन्हैया तो कुछ भी नहीं, इसके बौद्धिक पितृ-पुरुषों और माताओं से मैं उलझा हूँ, उनकी सोच किस हद तक भारत और हिंदू-विरोधी…
मार्क्सवाद समाज को दो भागों में वर्गीकृत करता है, जो कि शोषण कर रहे हैं और जो शोषित हैं। यह उन परिभाषाओं के विपरीत है, जिन पर 'समाज' मौजूद है।…