योगेंद्र यादव और राकेश टिकैत का नाम FIR में: पुलिस ने कहा – ‘अच्छे से सत्यापन के बाद कर रहे गिरफ्तारी’
गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने 22 एफआईआर में कम से कम 10 ऐसे किसान नेताओं का नाम जोड़ा है, जो इस 'आंदोलन' में...
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सिंघु बॉर्डर पर किसान क्यों हैं अभी भी? एक भी अरेस्ट क्यों नहीं? मीटिंग तो एक रूटीन प्रक्रिया है, लेकिन असामान्य परिस्थिति में रूटीन से बाहर क्यों नहीं है सरकार?…
गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने 200 लोगों को हिरासत में ले लिया है। कहा जा रहा है जल्द ही इन…
प्रतिबंधित आतंकी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) ने आगामी 1 फरवरी को संसद पर कब्ज़ा और घेराव की धमकी दी है।
लाल किले में घुसी भीड़ ने उपद्रव के दौरान न केवल टिकट काउंटर को पूरी तरह फोड़ा। उन्होंने इसके साथ लगे बोर्डों को भी निकाल कर फेंक दिया। वहीं एसी…
अराजकता को जब पलने दिया जाता है तो फिर कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज बचती नहीं। जो दिल्ली दंगों में हुआ, वही खालिस्तानी 'किसान' उपद्रव में।
'किसान' दंगाइयों ने तिरंगा के अपमान के साथ ही राम मंदिर और केदारनाथ मंदिर को निशाना बनाते हुए राम मंदिर की झाँकी के कुछ हिस्सों को तोड़ दिया।
"अगर किसी ने रोका तो उसकी बकल उतार दी जाएगी। कौन रोकेगा ट्रैक्टर को? कोई नहीं रोकेगा। खबरदार जो किसी ने भी ट्रैक्टर को रोका।"
दिल्ली में हुई हिंसा पर किसान नेता 'गलती' मान रहे लेकिन बेशर्मी से बचाव भी कर रहे और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन की बातें कर रहे।
उक्त 'किसान' ट्रैक्टर से स्टंट मारते हुए पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ रहा था, लेकिन अपनी ही ट्रैक्टर पलटने के कारण खुद उसके नीचे आ गया और मौत हो गई।