हिंदुओं के लिए वही घृणा, राम मंदिर पर वही जहर: अयोध्या में नींव से बिलबिलाए वामपंथी और मजहब परस्त
येचुरी हो या ओवैसी। मंदिर तोड़ने की धमकी देने वाला मौलाना हो या 'मुल्ला मुलायम' का सांसद। भूमिपूजन के साथ ही सबके भीतर का जहर बाहर आने लगा है।
येचुरी हो या ओवैसी। मंदिर तोड़ने की धमकी देने वाला मौलाना हो या 'मुल्ला मुलायम' का सांसद। भूमिपूजन के साथ ही सबके भीतर का जहर बाहर आने लगा है।
भूमिपूजन से पहले कॉन्ग्रेस ने यह दिखाने की कोशिश की कि वह राम मंदिर की समर्थक है। पर अब पार्टी में ही इसका विरोध शुरू हो गया है।
आज भले अयोध्या पर उनके प्रपंच का गुम्बद ढह गया है। लेकिन बाबरी मस्जिद बनाने के बाद से करीब 500 साल का इतिहास जोर, छल और प्रपंच का ही गवाह…
सोशल मीडिया में यूजर्स ने इस तरफ ध्यान खींचा है कि कैसे हर मुद्दे पर अपनी राय देने वाले सेलेब्रिटी ने भूमिपूजन पर चुप्पी साध ली।
यूके, अमेरिका, कनाडा, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड और नेपाल सहित कई देशों में विभिन्न टीवी चैनलों द्वारा इसका लाइव प्रसारण किया गया।
झड़प के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में भी नारे लगे गए और मुस्लिम युवकों ने बजरंगदल के करीब 25 कार्यकर्ताओं को बंधक भी बना दिया।
मौलाना साजिद राशिदी ने राम मंदिर को तोड़ने की धमकी दी थी। इसका जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने कहा है कि यह नया भारत है।
जहॉं भारतीयों के जाने पर प्रतिबंध है, वहॉं से एक दम्पति पवित्र मिट्टी लेकर आया। इस दम्पति की तुलना लोग हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने से कर रहे हैं।
इस पोस्टर पर कई लोगों की प्रतिक्रियाएँ आई हैं। अधिकांश हिंदुओं ने इस बधाई को स्वीकारते हुए बदले में इस फोटो पर जय श्री राम लिखा है। लेकिन कट्टरपंथियों ने.......
“प्रधानमंत्री ने अयोध्या के मंदिर निर्माण कार्यक्रम में शामिल होकर संविधान की अवहेलना की है। उस ज़मीन पर बाबरी मस्जिद थी जिसे हिटलर की फ़ौज से मिलते जुलते लोगों ने…