हिन्दुओं के धैर्य की परीक्षा मत लो | Ajeet Bharti speaks on Hindu tolerance amid Tanishq row

पाकिस्तान को लेकर एक छद्म युद्धनीति की बात कई बार सुनाई देती है। इस्लामी पाकिस्तान के बूते में वो दम नहीं है कि वो कभी भी पारंपरिक युद्ध में भारत को हराए। इसलिए उन्होंने नायाब तरीका निकाला कि इनके सैनिकों, नागरिकों, संस्थाओं को एक-एक कर हर एक-दो महीनों में आतंकी हमलों से, स्लीपर सेल को क्रियान्वित करके अपने निशाने पर रखा जाए। 

ये नीति काफी हद तक सफल भी रही, क्योंकि हमारे नेताओं को ऐसा लगता रहा कि पाकिस्तान पर बयान देने से भारतीय मुस्लिम वोट बैंक नाराज हो जाएगा। गजवा-ए-हिंद का सपना पाले कितने ही मुल्ले-मौलवी मस्जिदों में कितने दशकों से मुस्लिम समुदाय के भीतर जहर घोल रहे हैं, ये किसी से छुपा हुआ नहीं है। अब जिहाद में अलग-अलग वेराइटी आ गई। कल तक का ‘लव-जिहाद’ अब एक कदम ऊपर चढ़कर रेप-जिहाद का रूप ले चुका है।

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अजीत भारती: पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी