एक साथ 9 बच्चे पैदा: माँ हलीमा बहुत खुन बहने से मरने के करीब थी, शौहर कादर ने कहा- ‘बच्चे अल्लाह की देन’

9 बच्चों के माता-पिता बने माली की दंपत्ति

अफ्रीकी देश माली में हलीमा सिस्से नाम की 26 साल की महिला ने लगभग मरने वाली दशा में पहुँच कर 9 बच्चों (5 लड़कियाँ और 4 लड़के) को जन्म दिया। प्रसव के दौरान हलीमा के शरीर में खून की कमी आ गई थी। हालाँकि, अब वह ठीक हैं। उनके पति कादर अरबी को अपने बच्चों को देखने की उत्सुकता है। डॉक्टर के मुताबिक, महिला के पति ने कहा, “अल्लाह के दिए तोहफों को देखने के लिए मैं इंतजार कर रहा हूँ (Can’t wait to see my gifts from God)।”

डेलीमेल में प्रकाशित खबर के मुताबिक हलीमा को प्रेगनेंसी के दौरान 6 स्टोन (लगभग 38 किलो) वेट संभालना पड़ता था। उनकी 30 हफ्तों की प्रेगनेंसी और हालात को देखते हुए महिला की डिलीवरी सिजेरियन हुई। इसके बाद रक्त प्रवाह को रोकते हुए 18 नर्सों ने सभी 9 नवजातों को इनक्यूबेटर्स में शिफ्ट किया। सभी बच्चे अभी भी वेंटीलेटर पर हैं। उन्हें 12 हफ्ते केयर में रखा जाएगा। इसके बाद वह खुली हवा में साँस ले सकेंगे।

26 वर्षीय हलीमा का निकाह 35 साल के कादर अर्बी से 2017 में तिंबकटू में हुआ था। इनकी पहले भी एक बेटी थी, जिसे मिलाकर अब ये दंपत्ति 10 बच्चों के माता-पिता हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस बार जब हलीमा प्रेगनेंट हुई तो अल्ट्रासाउंड में केवल 7 बच्चे डिटेक्ट किए गए। हालाँकि डिलीवरी के समय इनकी संख्या 9 निकली। सभी मोरोक्को के अस्पताल में भर्ती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अभी उनका पाचन तंत्र सही से विकसित नहीं हुआ है।

हलीमा के पति ने इन बच्चों को अल्लाह की देन बताते हुए (They are gifts from God) उन्हें देखने की उत्सुकता जाहिर की। कादर ने कहा कि वह लगातार अपनी पत्नी से संपर्क में थे लेकिन उन्हें अपनी ढाई साल की बेटी के साथ घर पर रहना था, इसलिए वह मोरक्को नहीं जा पाए। कादर बताते हैं कि महामारी के समय में जाहिर है ट्रैवल करना मुश्किल काम है लेकिन वह किसी तरह अगले हफ्ते तक अपनी पत्नी के पास पहुँचने का जुगाड़ करेंगे।

उनके मुताबिक ये बहुत आनंदित करने वाला क्षण है और वह इसके लिए अल्लाह को हमेशा शुक्रिया करेंगे। वह कहते हैं, “हमारे बच्चे अल्लाह का तोहफा हैं।” कादर अरबी पेशे से माली की सेना में अकॉउंटेंट का काम करते हैं। अपने 9 बच्चों का नाम पूछे जाने पर उन्होंने कहा है कि अभी वह इस बारे में सोचेंगे।

बता दें कि हलीमा की डिलीवरी के बाद ये 9 नवजात हर जगह चर्चा में बने हुए हैं। हर कोई जोड़े को बधाई भी दे रहा है। हालाँकि, दंपत्ति के लिए फिलहाल उनके बच्चों की सेहत पहली प्राथमिकता है। हलीमा इस समय रेस्ट पर हैं। वह अपने पति से समय-समय पर बात करती रहती हैं।

हलीमा की डिलीवरी करवाने वाले डॉ मुराद का कहना है कि आम तौर पर जो बच्‍चे 30 सप्‍ताह के आसपास पैदा होते हैं और उन्‍हें सही इलाज दिया जाता है तो उनके जिंदा बचने की संभावना 80 प्रतिशत तक होती है। उन्‍होंने कहा, “मुझे भरोसा नहीं था कि 25 सप्‍ताह में पैदा होने पर सभी बच्‍चे जिंदा बचेंगे या नहीं, इसलिए 5 सप्‍ताह का समय प्रसव के लिए और बढ़ाया गया।”

इससे पहले माली की सरकार ने 26 साल की हलीमा सिस्‍से को बेहतर देखरेख के लिए 30 मार्च को मोरक्‍को भेजा था। अब तक 6 बच्‍चों के एक साथ सफलतापूर्वक जन्‍म देने की घटना को दुर्लभ माना जाता था लेकिन अब महिला ने 9 बच्‍चों को जन्‍म दिया है। हलीमा के साथ माली के एक डॉक्‍टर भी गए हैं और वह पल-पल की जानकारी दे रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि हलीमा के 9 बच्चे अगर जिंदा रहते हैं तो वह एक रिकॉर्ड होगा। 9 बच्चों को जन्म देने वाला ये तीसरा मामला है। इससे पहले ऑस्‍ट्रेलिया और मलेशिया में महिलाओं ने 9 बच्‍चों को जन्‍म दिया था। लेकिन इनमें कुछ की बाद में मौत हो गई थी। इसके अलावा वर्ष 2009 में नाद्या सुलेमान ने 8 बच्‍चों को जन्‍म दिया था और वे सभी जिंदा बच गए थे। मतलब 8 बच्चों को जन्म देना और सभी का जिंदा रह जाना अभी तक का रिकॉर्ड है। हलीमा सिस्‍से के सभी 9 बच्चे अगर जिंदा रह जाते हैं तो 8 बच्चों वाला रिकॉर्ड टूट जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया