14 साल में 83 इंसानों को खा गया ‘ओसामा’, न बच्चों को छोड़ा और न बुजुर्गों को

युगांडा में 'ओसामा' नाम का मगरमच्छ पकड़ा गया

अफ्रीकी देश युगांडा की विक्टोरिया नदी में एक समय में इंसानों को खाने वाला दुनिया का बेहद खतरनाक मगरमच्छ रहता था। इस खतरनाक जीव का नाम खूँखार आतंकी ओसामा बिन लादेन के नाम पर है। 1991-2005 के बीच में ओसामा नाम के इस मगरमच्छ ने लुगंगा के गाँव में तकरीबन 83 लोगों को निगला था

धीरे-धीरे इसकी जुबान पर इंसानी गोश्त का स्वाद चढ़ गया। जिसके बाद लगभग 5 मीटर लंबे ओसामा ने गाँव की 10% आबादी का सफाया कर दिया। इस बीच इसने न तो किसी बुजुर्ग को छोड़ा और न ही किसी छोटे बच्चे को। जब कभी बच्चे नदी किनारे अपनी बाल्टी भरने आते तो ये उन्हें खींचते हुए नदी में ले जाता।  

इसके अलावा नदी में मछली पकड़ने आए लोगों को भी मार देता। ये पहले उनकी नाव के इर्द-गिर्द घूमता। फिर उनकी नाव पलटता और बाद में उन्हें बुरी तरह चीर कर खा जाता। कई बार इसने नाव पर कूदकर भी लोगों का शिकार किया था।

75 साल के ओसामा का खौफ सबसे ज्यादा 1991 से 2005 के बीच था। लेकिन अभी इस वर्ष मार्च में युगांडा वाइल्डलाइफ अथॉरिटी के अधिकारियों ने और 50 स्थानीय लोगों ने ने दक्षिणी युगांडा में इसे पकड़ने में सफलता पाई। सबने गाय की आंत को चारा बनाकर इसके सामने डाला। लोगों ने गाय की आंत वही फेंकी जहाँ ओसामा अक्सर छिपता था। इसके बाद जैसे ही ओसामा अपनी जगह से बाहर निकला, सबने इसको पकड़ लिया।

दरअसल, ओसामा को पकड़ने के लिए गाय की आंत पर तांबे का फँदा लगाया गया था जो उसके झपट्टा मारते ही मुँह में फँस गया। इसके बाद 50 लोगों ने उसे रस्सी से पकड़ा और उसे बाहर लाए। बाद में उसे युगांडा क्रॉस लिमिटेड को सौंप दिया। एक मगरमच्छ को पकड़ने में 7 दिन की मेहनत लगी। बाद में वह इटली और दक्षिण कोरिया में फैशन उद्योगों में ब्रीडिंग स्टॉक के इस्तेमाल के लिए भेज दिया गया।

जहाँ जाकर इसकी इंसानी गोश्त खाने की तलब भी शांत हो गई। हाल में वहाँ ये मुर्गे का माँस खाते पाया गया था। लेकिन वाइल्डलाइफ अधिकारियों ने ये देखने के बाद कि उसे ब्रीडिंग स्टॉक की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, हरकत को शर्मनाक बताया। वहीं लुगंगा के लोगों का कहना है कि इस आदमखोर मगरमच्छ को बड़े हल्केे में यहाँ से ले जाया गया। 

2005 में ओसामा के बारे में बात करते हुए युगांडा क्रोक्स के मालिक एलेक्स मुताम्बा ने कहा था, “ओसामा जैसे सभी नदी के मगरमच्छ इंसानों को खा लेंगे यदि उन्हें लगेगा कि उनके क्षेत्र पर अतिक्रमण किया जा रहा है। लेकिन हमारे मगरमच्छ पूरी तरह सुरक्षित हैं, इसलिए मुझे ज्यादा चिंता नहीं है।” कथित तौर पर, युगांडा क्रोक्स में लगभग 5000 मगरमच्छ हैं, जहाँ उनका उपयोग हैंडबैग इंडस्ट्री में किया जाता है।

बता दें कि साल 2011 के नवंबर माह में 40 साल के आर्मी मेजर मरियस एल्स को उनके 1.2 टन के हिप्पो ने मार दिया था। उनका शव एक नदी में मिला था, जहाँ तमाम जानवरों ने उनके शव को नोचा हुआ था। एल्स का शरीर जिस नदी में डूबा हुआ पाया गया था, वही से उन्होंने छह साल पहले अपने हिप्पो को बाढ़ से बचाया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया